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एक खींचेगा तो दूसरा इंजन देगा ट्रेन को धक्का, जल्द एक साथ दौड़ेंगी 26 बोगियां

ऊंचाई वाले रूटों पर ट्रेनों की एक्सलरेट क्षमता बढ़ाने के लिए लगेंगे दो इंजन। बिना ड्राइवर सपोर्ट करेगा अंतिम बोगी के पीछे का इंजन।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 03:55 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 03:55 PM (IST)
एक खींचेगा तो दूसरा इंजन देगा ट्रेन को धक्का, जल्द एक साथ दौड़ेंगी 26 बोगियां
एक खींचेगा तो दूसरा इंजन देगा ट्रेन को धक्का, जल्द एक साथ दौड़ेंगी 26 बोगियां

लखनऊ, जेएनएन। रेलवे आने वाले समय में 26 बोगियों वाली ट्रेनें चलाएगा। अधिक बोगियों वाली ट्रेनों को ऊंचाई वाले रेलखंडों पर रफ्तार देने के लिए अब पुशपुल तकनीक से डबल इंजन पीछे से धक्का लगाएगा। इससे न केवल ट्रेन की गति बरकरार रहेगी। वहीं, बीच सफर इंजन को काटने की प्रक्रिया भी समाप्त हो जाएगी। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने पुशपुल प्रोजेक्ट के तहत ट्रायल शुरू कर दिया है। 

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अभी देश में अधिकतम 24 बोगियों वाली एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। देश में कई ऐसे रेलखंड हैं जहां उनकी अधिक ऊंचाई के कारण रेलवे को दो इंजन लगाने पड़ते हैं। इसमें मुंबई जाते समय इगतपुरी से कसारा जबकि नागपुर जाते समय बैतूल से रेल सेक्शन की अधिक ऊंचाई होती है। ऐसे में ट्रेन की अंतिम बोगी के पीछे एक और इंजन लगाना पड़ता है। इस इंजन के लगने से सुपरफास्ट ट्रेनों को पीछे से धक्का तो मिल जाता है लेकिन ट्रेनों की गति 60 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक नहीं रहती है। ऐसे में आरडीएसओ अब पुशपुल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। 

इसमें एक और इंजन तो बोगी के पीछे लगेगा लेकिन वह एयर वैक्यूम से जुड़ेगा। इसका कंट्रोल आगे वाले इंजन के ड्राइवर के पास होगा। ऐसे में इंजन की क्षमता दोगुनी होगी और इनकी गति 110 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकेगी। लखनऊ से जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस और चेन्नई एक्सप्रेस सहित करीब दो दर्जन ट्रेनों का एक से डेढ़ घंटे का समय बच सकेगा। आरडीएसओ के कार्यकारी निदेशक प्रशासन एनके सिन्हा ने बताया कि इस तकनीक से पिछले इंजन को लगाकर अंतिम स्टेशन तक ले जाया जा सकता है। लखनऊ सहित कई रूटों पर प्रस्तावित 26 बोगियों वाली ट्रेनों में भी इन इंजनों का इस्तेमाल किया जाएगा। 


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