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अमेठी में मौरंग लदे खड़े ट्रक में DCM की भिडंत, चालक-खलासी की दर्दनाक मौत

अमेठी राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ-वाराणसी पर हुआ दर्दनाक हादसा। प्याज लदी अनियंत्रित डीसीएम खड़े ट्रक में पीछे से घुसी। डीसीएम की केबिन हवा में उड़कर चूर-चूर। डीसीएम चालक और खलासी की दर्दनाक मौत। शवों को डीसीएम का केबिन काटकर बाहर निकाला गया ।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 12:20 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 12:20 PM (IST)
अमेठी में मौरंग लदे खड़े ट्रक में DCM की भिडंत, चालक-खलासी की दर्दनाक मौत
अमेठी: राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ-वाराणसी पर हुआ दर्दनाक हादसा। प्याज लदी अनियंत्रित डीसीएम खड़े ट्रक में पीछे से घुसी।

अमेठी, जेएनएन। राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ-वाराणसी पर शनिवार को भोर में अज्ञात मोरंग लदी खड़ी ट्रक में अनियंत्रित डीसीएम घुस गया। दुर्घटना में डीसीएम चालक-खलासी की दबकर मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को केबिन काटकर बाहर निकाला। मृतकों के शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। 

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हवा में उड़ा डीसीएम का केबिन, चालक और खलासी की दर्दनाक मौत 

मामला धरौली गांव मोड़ का है। चौकी इंचार्ज इंग्लेश तिवारी ने बताया कि अज्ञात मौरंग लदी ट्रक खड़ी थी। इसी बीच कानपुर से सुल्तानपुर मंडी जा रही प्याज लदी डीसीएम (UP-77 NA2085) अनियंत्रित होकर ट्रक में पीछे से घुस गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि डीसीएम का केबिन हवा में उड़कर चूर-चूर हो गए। केबिन के नीचे फंसकर डीसीएम चालक अकील अहमद (40) पुत्र जहीर अहमद व खलासी अमन (20) पुत्र राजेश यादव निवासी गण रामपुरम श्याम नगर कानपुर की दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने होटल कर्मियों की मदद से केबिन काटकर दोनों शवों को बाहर निकाला। मृतक के मोबाइल फोन से गाड़ी मालिक को सूचना दी गई। ग्रामीणों की मानें तो सुबह भोर में तेज आवाज के साथ हाईवे पर धमाके के बीच चीख-पुकार सुनाई पड़ी, लोग मदद के लिए पहुंचे, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन सड़क से किनारे कर बाधित आवागमन दुरूस्त करा दिया।

हादसे की वजह गलत पार्किंग

मुसाफिरखाना के लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार को सुबह सड़क किनारे गलत पार्किंग की वजह से बड़ा हादसा हुआ जिसमें चालक-खलासी की मौके पर ही जान चली गई। पुलिस की जांच में भी प्रथमदृष्टया दुर्घटना का कारण हाईवे पर गलत तरीके से की गई पार्किंग आई है। बीते छ:माह में धरौली मोड़ पर आधा दर्जन दुर्घटनाओं में सात की जान जा चुकी है। हालांकि, लोनिवि की ओर से दुर्घटना बाहुल्य का संकेतक व साइन बोर्ड तक नहीं लगाया गया है, जबकि सड़क सुरक्षा के मद्देनजर जिम्मेदार विभाग को दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में संकेतक साइन बोर्ड लगाना अनिवार्य है।


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