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लखनऊ : फैजुल्लागंज में तेज बुखार से 24 घंटे में एक ही घर के दो बच्चों की मौत

लखनऊ फैजुल्लागंज में तेज बुखार से 24 घंटे में दो बच्चों की मौत। प्लेटलेट्स हो गई थी 11 हजार के करीब डेंगू से मौत होने की आशंका। गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पाया मजदूर परिवार। बच्ची सिमरन करीब 15 दिनों से बुखार ग्रस्त थी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 03:40 PM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 03:40 PM (IST)
लखनऊ : फैजुल्लागंज में तेज बुखार से 24 घंटे में एक ही घर के दो बच्चों की मौत
लखनऊ : प्लेटलेट्स हो गई थी 11 हजार के करीब, डेंगू से मौत होने की आशंका।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के फैजुल्लागंज में तेज बुखार से 24 घंटे में दो बच्चों की मौत से हाहाकार मच गया है। शनिवार को 10 वर्षीय बच्चे की मौत से अभी परिवारजन उबर भी नहीं पाए थे कि रविवार को उनकी आठ वर्षीय बेटी भी भगवान को प्यारी हो गई। इससे घर के दोनों चिराग बुझ गए। एक साथ दो नन्हे बच्चों की मौत से परिवारजनों के अतिरिक्त पूरे मोहल्ले में भी गम का माहौल है। 

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आशंका जताई जा रही है कि दोनों बच्चों की डेंगू से मौत हुई है। जांच में बच्चों का प्लेटलेट्स भी 11000 के आसपास था। पड़ोसी अनुराग त्रिवेदी ने बताया कि आसपास कोई सरकार अस्पताल नहीं होने से परिवारजन किसी निजी अस्पताल से इलाज करा रहे थे। बच्ची सिमरन करीब 15 दिनों से बुखार ग्रस्त थी। उसे उल्टियां भी हो रही थी। देखने में डेंगू के ही पूरे लक्षण थे, लेकिन गरीबी के कारण परिवार सही जगह इलाज नहीं करा पा रहा था। उन्होंने इसकी जानकारी भी नहीं दी। इस वजह से अन्य कोई उनकी मदद भी नहीं कर सका। 

शनिवार को पहले बेटे अंश की मौत हो गई। वह भी बुखार ग्रस्त था करीब 10-12 दिनों से उसका भी इलाज चल रहा था। उसे भी डेंगू जैसे ही लक्षण थे। इसके बाद परिवारजन और भी घबरा गए। अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि रविवार को बेटी सिमरन की भी जान चली गई। दोनों बच्चे गिरधारी लाल के हैं। वह मूल रूप से शाहजहांपुर के रहने वाले हैं जो पिछले चार-पांच वर्षों से फैजुल्लागंज के नया पुरवा में रहकर मजदूरी का काम कर रहे थे। दोनों बच्चों की मां दिव्यांग है। 

लॉकडाउन में कामकाज बंद हो जाने से आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई थी। इससे किसी अच्छी जगह इलाज नहीं हो सका। अनुराग समेत अन्य स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में नालियां चोक हैं, गंदगी है। नगर निगम की टीम साफ-सफाई व फॉगिंग नहीं करा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने एंटी लारवा का छिड़काव नहीं कराया है। इससे डेंगू मलेरिया बढ़ रहा है। 

क्या कहते हैं एसीएमओ व वेक्टर जनित ?

एसीएमओ व वेक्टर जनित रोगों के जिला प्रभारी डॉक्टर केपी त्रिपाठी के मुताबिक, बच्चों की मौत होना दुखद है। टीम भेजकर मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम हर जगह एंटी लारवा का छिड़काव करवा रही है। फैजुल्लागंज में भी छिड़काव कराया गया है। फागिंग का काम नगर निगम की टीम कराती है।


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