मलिहाबाद में बांके से वार कर युवक की हत्या, बहनोई के भाई समेत दो गिरफ्तार
मलिहाबाद के मुजासा गांव की घटना, गांव के बाहर मिला शव। मृतक के परिवार की एक महिला से थे आरोपित के संबंध। विरोध पर कर दी हत्या।
लखनऊ, (जेएनएन)। मलिहाबाद के मुजासा गांव में सुनव्वर (28) की बांके से हमला कर हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारों ने उसका शव गांव के बाहर नहर किनारे फेंका। सूचना पर एएसपी ग्रामीण विक्रांत वीर और सीओ पुलिस बल के साथ पहुंचे। पुलिस ने सुनव्वर के पिता की तहरीर पर बहनोई और उसके भाई के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। रात पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर बहनोई के भाई और व एक मित्र को गिरफ्तार कर लिया।
मुजासा गांव के बाहर शनिवार सुबह एक युवक का खून से लथपथ शव पड़ा था। घटना से मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पर पहुंचे किसान मुनव्वर ने शव की शिनाख्त बेटे सुनव्वर के रूप में की। उन्होंने बताया कि बेटा गांव में रहने वाले फाजिल की नर्सरी में काम करता था। शुक्रवार शाम को सहिलामऊ निवासी दामाद गुड्डू और उसका भाई नूर आलम बेटे को अपने साथ लेकर गए थे। इसके बाद बांके से हमला कर दोनों ने बेटे की हत्या कर दी। देर रात तक बेटा घर नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश शुरू की गई पर नहीं मिला। सुबह परिवारीजन बेटे की खोजबीन कर रहे थे, तभी पड़ोसियों ने उसका नहर पर शव पड़ा होने की सूचना दी।
सूचना पर एएसपी ग्रामीण विक्रांत वीर, सीओ मलिहाबाद, इंस्पेक्टर मुकुल प्रकाश वर्मा पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने मौके से मिले बांके को कब्जे में ले लिया। इंस्पेक्टर ने बताया कि मुनव्वर की तहरीर पर गुड्डू और उसके भाई नूर आलम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। रात आरोपित नूर आलम और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि सुनव्वर के परिवार की एक महिला से नूर आलम के संबंध थे। नूर आलम का उससे मिलना जुलना था। सुनव्वर इस बात का विरोध करता था। इस लिए नूर आलम और उसके साथी सुनील के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। पहले रात तीनों ने एक साथ बैठकर शराब पी उसके बाद नूर आलम और सुनील ने मिलकर बांके से सुनव्वर को मार डाला।
35 हजार रुपये को लेकर भी था विवाद
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि नूर आलम जो रुपये कमाता था वह सुनव्वर के परिवार की उस महिला के खाते में ट्रांसफर कर देता था। इस तरह नूर आलम ने पिछले कई माह में उसके खाते में 35 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे। नूर आलम उन रुपयों की मांग कर रहा था। रुपयों को लेकर भी दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था।