Coronavirus : ढाई वर्षीय बच्चे ने बिना दवा कोरोना को दी मात-बनाया रिकार्ड, अस्पताल से डिस्चार्ज
ढाई वर्षीय बच्चे ने बिना दवा के कोरोना वायरस को दी मात। केजीएमयू में अब तक भर्ती मरीजों में सबसे कम दिनों में हुआ डिस्चार्ज।
लखनऊ, जेएनएन। राज्य के सबसे कम उम्र के कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बीमारी से जंग जीत ली है। उसने बगैर किसी दवा के खतरनाक वायरस को मात दी है। शनिवार को उसकी दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई। इसके बाद डॉक्टरों ने उसको डिस्चार्ज कर दिया है। गोमती नगर निवासी महिला चिकित्सक कनाडा से लौटी थी। उसमें कोरोना की पुष्टि हुई थी। केजीएमयू में इलाज के बाद वह घर पहुंची। इसके बाद उसके बच्चे, सास-ससुर को भी वायरस ने जद में ले लिया। छह अप्रैल को ढाई वर्षीय बच्चे में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। केजीएमयू के संक्रामक रोग यूनिट में बच्चे को आइसोलेट किया गया। 48-48 घंटे पर दो टेस्ट कराए गए। दोनों रिपोर्ट निगेटिव आने पर शनिवार को बच्चे को डिस्चार्ज किया गया।
सबसे कम दिन में हुआ ठीक
डॉ. डी हिमांश के मुताबिक केजीएमयू में भर्ती मरीज 14 से 24 दिन में डिस्चार्ज हुए। वहीं बच्चा छह अप्रैल को भर्ती हुआ। यह छह दिन में ठीक हो गया। शनिवार को उसे घर भेज दिया गया। मगर, 14 दिन तक मां और बच्चा दोनों क्वारंटाइन में रहेंगे। इस दौरान आवश्यकता पड़ने पर जांच भी कराई जाएगी।
सुपाच्य आहार, खेल-खेल में कोरोना को हराया
डॉ. डी हिमांशु के मुताबिक बच्चे में कोरोना के माइल्ड लक्षण थे। यह ए-कैटेगरी का था। उसमें थ्रोट इंफेक्शन ही हुआ था। श्वसनतंत्र तक वायरस नहीं पहुंच पाया। जांच में वायरल लोड काफी कम पाया गया। ऐसे में उसे सुपाच्य आहार दिया। दलिया और खिचड़ी खाई। दूध पिया। वार्ड में उसे खेलने के लिए खिलौने दिए गए। कोई दवा नहीं दी गई। उसने अपनी प्रतिरोधक क्षमता के जरिए खुद ही वायरस को मात दे दी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
अभी तक हुए डिस्चार्ज हुए मरीज
- 19 मार्च-पहली मरीज केजीएमयू से डिस्चार्ज
- छह अप्रैल- कनिका पीजीआइ से डिस्चार्ज
- सात अप्रैल-तीन मरीज केजीएमयू से डिस्चार्ज
- 10 अप्रैल- एक मरीज केजीएमयू से डिस्चार्ज
- 11 अप्रैल- ढाई वर्षीय बच्चा डिस्चार्ज