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शोहदों से निपटने के लिए आत्मरक्षा के गुर सीख रहीं ढाई लाख बेटियां, स्कूलों में हो रही जूडो-कराटे की ट्रेनिंग

गणित विज्ञान और भाषा जैसे परंपरागत विषयों के साथ परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों की छात्राएं अब जूडो कराटे और ताइक्वांडो जैसी मार्शल आर्ट में भी पारंगत हो रही हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 10:33 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 08:22 AM (IST)
शोहदों से निपटने के लिए आत्मरक्षा के गुर सीख रहीं ढाई लाख बेटियां, स्कूलों में हो रही जूडो-कराटे की ट्रेनिंग
शोहदों से निपटने के लिए आत्मरक्षा के गुर सीख रहीं ढाई लाख बेटियां, स्कूलों में हो रही जूडो-कराटे की ट्रेनिंग

लखनऊ, जेएनएन। किसी परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के बगल से गुजरते हुए जुडानजुकी, छुडानजुकी और गेडानजुकी जैसे नितांत अपरिचित शब्दों का तुमुल घोष सुनाई दे तो चौंकिएगा नहीं। हवा में गूंजते ये लोमहर्षक स्वर विद्यालय की उन छात्राओं के हैं जो सेल्फ डिफेंस स्कीम के तहत शोहदों से आत्मरक्षा के लिए जूडो सीख रही हैं।

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गणित, विज्ञान और भाषा जैसे परंपरागत विषयों के साथ परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों की छात्राएं अब जूडो, कराटे और ताइक्वांडो जैसी मार्शल आर्ट में भी पारंगत हो रही हैं। फिलहाल उत्तर प्रदेश के 8356 उच्च प्राथमिक विद्यालयों की 2,49,794 छात्राएं इन विधाओं का अभ्यास कर रही हैं। उन्हें सिखाया जा रहा है कि कोई चेहरे पर हमला करे तो कैसे फेस ब्लॉक करें और पेट पर वार करे तो कैसे स्टमक ब्लॉक करें। यदि कोई पीछे से पकड़कर खींचना चाहे तो कैसे उसकी पसली में कोहनी से वार कर खुद को गिरफ्त से छुड़ाएं।

छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए तैयार करने के मकसद से शुरू की गई इस मुहिम का लाभ छात्र भी उठा रहे हैं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए जूडो-कराटे सिखाने की योजना पिछले दो साल में भी मंजूर हुई थी, लेकिन परवान नहीं चढ़ सकी। वजह यह थी कि योजना के तहत प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय में छात्राओं को जूडो-कराटे व ताइक्वांडो की तीन महीने की ट्रेनिंग देने के लिए प्रति स्कूल 3000 रुपये प्रति माह की दर से धनराशि स्वीकृत होती है। इस राशि में बच्चों के लिए विशेषज्ञ ट्रेनर की व्यवस्था नहीं हो पाती थी।

 इसलिए समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने चालू शैक्षिक सत्र में इससे निपटने के लिए नई रणनीति बनाई। उसने प्रत्येक विकासखंड के ब्लॉक व्यायाम शिक्षकों और सौ से अधिक छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को जिला स्तर पर इन मार्शल आट्र्स के विशेषज्ञों से ट्रेनिंग दिलाई। ट्रेनिंग हासिल कर ब्लॉक व्यायाम शिक्षक और शारीरिक शिक्षा अनुदेशक अब स्कूलों में छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा में निपुण बना रहे हैं। कानपुर देहात के रसूलाबाद विकासखंड के ब्लॉक व्यायाम शिक्षक विवेक पाल के मुताबिक मार्शल आर्ट के कारण स्कूलों में छात्राओं का ठहराव भी बढ़ा है। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की योजना है कि इस सत्र के अंत तक प्रदेश के सभी 45 हजार स्कूलों में छात्राओं को जूडो, कराटे और ताइक्वांडो की ट्रेनिंग दिलायी जाए।


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