कोरोना के घेरे से पर्यटन उद्योग को निकालेंगे 'बीस रास्ते', यूपी में सात इंट्रास्टेट आइटनरी का चयन
Crisis On Tourism Industry केंद्र ने उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय से बीस छोटे राज्यांतरिक यात्रा कार्यक्रम मांगे हैं जिनमें से सात का चयन कर भेज दिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण रहे लंबे लॉकडाउन के ताले टूट गए। अधिकांश गतिविधियां अनलॉक हो चुकी हैं, लेकिन पर्यटन के कदम अब तक ठिठके हुए हैं। संकट में घिरे पर्यटन उद्योग को धीरे-धीरे निकालने की कोशिश भारत सरकार स्तर से शुरू हो गई है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश में फिलहाल 'बीस रास्ते' तैयार किए जाएंगे। केंद्र ने उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय से बीस छोटे राज्यांतरिक यात्रा कार्यक्रम (इंट्रास्टेट आइटनरी) मांगे हैं, जिनमें से सात का चयन कर भेज दिया गया है।
जब से दुनिया पर कोरोना वायरस संक्रमण ने हमला किया है, तब से पर्यटन उद्योग को खास नुकसान हुआ है। अन्य उद्योग तो धीरे-धीरे लॉकडाउन के दौरान ही शुरू हो गए थे, लेकिन सैर-सपाटे पर तो पाबंदियां ही हैं। ऐसे में अब घरेलू पर्यटन के सहारे ही इस क्षेत्र को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने की योजना भारत सरकार के स्तर से बन रही है। ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पर्यटन के लिहाज से बेहद संपन्न उत्तर प्रदेश में घरेलू पर्यटन की संभावनाएं काफी मजबूत हैं। चूंकि शुरुआत धीरे-धीरे करनी है, इसलिए अभी योजना है कि राज्यांतरिक यात्रा कार्यक्रम यानी इंट्रास्टेट आइटनरी ही पर्यटकों को सुझाई जाएं। इसमें भी कम से कम दूरी की बात कही गई है।
उत्तर प्रदेश से ऐसी बीस इंट्रास्टेट आइटनरी मांगी गई हैं। महानिदेशक पर्यटन एनजी रवि कुमार ने क्षेत्रीय कार्यालयों से संभावित बीस आइटनरी का ब्योरा जुटाया। बकायदा एक प्रोफार्मा बनाया गया, जिसमें प्रमुख शहर से दूरी, यात्रा में लगने वाला समय, पर्यटन स्थल के महत्व, क्षेत्र के अन्य आकर्षण आदि की जानकारी दी गई है। उनमें से फिलहाल सात आइटनरी चुनकर भारत सरकार को भेज दी गई हैं। इनमें राजधानी लखनऊ से जुड़ी दो, जबकि वाराणसी, झांसी, आगरा, प्रयागराज और गोरखपुर से एक-एक यात्रा कार्यक्रम हैं। हालांकि, लगभग सभी प्रमुख धार्मिक स्थल इसमें शामिल किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश पर्यटन प्रचार अधिकारी कीर्ति ने बताया कि बीस आइटरी प्रस्तावित हैं, जिनमें से सात भारत सरकार को भेज दी गई हैं। बाकी अन्य आकर्षक और महत्व के पर्यटन स्थलों की आइटनरी तैयार की जा रही है। सरकार छोटे यात्रा कार्यक्रमों से पर्यटन को फिर पटरी पर लाना चाहती है।
ये हैं चयनित सात आइटनरी
- वाराणसी-सारनाथ-चुनार-विंध्याचल-सोनभद्र
- लखनऊ-दुधवा नेशनल पार्क-कतरनीघाट वाइल्ड लाइफ सैंचुरी-पीलीभीत टाइगर रिजर्व
- लखनऊ-अयोध्या-नैमिषारण्य
- झांसी-महोबा-कलिंजर-चित्रकूट
- आगरा-मथुरा-वृंदावन
- प्रयागराज-वाराणसी-सारनाथ
- गोरखपुर-कुशीनगर-कपिलवस्तु-श्रावस्ती