CoronaVirus: लॉकडाउन खोलने में जल्दबाजी से बढ़ सकती हैं मुश्किलें, दूसरे और तीसरे स्टेज के बीच फंसा देश
CoronaVirus चिकित्सकों के अनुसार अभी अगले फेज तक करना चाहिए इंतजार। सीमाओं के साथ कुछ जिलों और क्षेत्रों में दी जा सकती है सहूलियत।
लखनऊ, जेएनएन। CoronaVirus: कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 14 अप्रैल तक लगाए गए लॉकडाउन को आगे जारी रखा जाए या अब हटाया जाए, इसकी चर्चा सरकार ने शुरू कर दी है। पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से धीरे-धीरे लॉकडाउन को हटाने का संकेत दिया गया लेकिन, उसके बाद अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक कोरोना का एक भी मरीज रहेगा, इसे हटाया नहीं जाएगा।
कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का भी यही मानना है कि अभी लॉकडाउन हटाने से मुश्किलें व संक्रमण का दायरा बढ़ सकता है। ऐसे में इसको लेकर किसी तरह की जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। तब्लीगी जमात के लोगों के ज्यादा संख्या में संक्रमित होने के बाद यह निश्चित माना जा रहा है कि आने वाले 14 से 21 दिनों में अभी अन्य संक्रमित भी सामने आएंगे। फिलहाल देश दूसरे और तीसरे स्टेज के बीच फंसा है। अगर यहीं स्थिति नहीं संभाली गई तो हालात चिंताजनक हो सकते हैं।
जानकारों का यह है कहना
- केजीएमयू संक्रामक रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. डी हिमांशु बताते हैं कि लॉकडाउन से संक्रमण काफी हद तक काबू में है। लेकिन, जो संक्रमित लोग अभी सामने आए हैं, उनके संपर्क में आए कितने लोगों में कोरोना का संक्रमण हुआ है, यह जानने के लिए अभी करीब 14 से 21 दिन का इंतजार करना होगा। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए। वह भी सभी स्थितियों का आकलन करने के बाद बंदिशों के साथ।
- लोहिया संस्थान मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि अभी लॉकडाउन को खोलना बिल्कुल ठीक नहीं है। इतना जरूर है कि हाई इकोनॉमिकल व इसेंशिएल चीजों में दायरों को सीमित कर कुछ छूट दी जा सकती है। 14 अप्रैल के बाद अभी कम से कम अगले 15 दिनों तक संक्रमण की स्थितियों का आकलन करने के बाद ही कोई कदम इस दिशा में उठाना चाहिए।
- सिविल अस्पताल चिकित्साधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे के मुताबिक, जमात के संक्रमित लोगों की वजह से कोरोना का खतरा और भी बढ़ गया है। अभी तक वह जितने लोगों के संपर्क में आए होंगे, उसका एक्सपोजर अगले 14 से 21 दिनों में होगा। ऐसे में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया जाना चाहिए। जिन जिलों में इसके एक भी मरीज नहीं हैं, वहां सहूलियत दी जा सकती है। मगर, बाहरी जिले के लोग न वहां जा सकें और न ही उस जिले के लोग दूसरे जिलों में कहीं जा सकें।
- केजीएमयू सीनियर डॉक्टर डॉ. अमित नागर ने बताया कि लॉकडाउन को खोलने की कोई जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए, क्योंकि इसके संक्रमण का दायरा अभी और बढ़ेगा। ऐसे में 14 अप्रैल के बाद कम से कम 21 दिनों तक इसकी अवधि बढ़ाकर स्थितियों का जायजा लेना चाहिए। आगे कोई संक्रमित नहीं मिलता है तो धीरे-धीरे सीमित छूट एक-एक करके देना शुरू करना चाहिए।