Move to Jagran APP

उत्तर प्रदेश में क्रय केंद्रों पर नमीयुक्त धान को लेकर बढ़ी परेशानी, अब तक पिछले वर्ष से अधिक खरीद

उत्तर प्रदेश में सभी जिलों में धान खरीद कार्य आरंभ हो गया। क्रय केंद्रों पर नमीयुक्त धान अधिक आने से मुश्किलें बढ़ी है। इसके बावजूद किसानों में सरकारी केंद्रों पर धान बेचने का रुझान ज्यादा है जिसके चलते गत वर्ष से कई गुना अधिक धान खरीदा जा चुका है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 02:11 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 02:11 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में क्रय केंद्रों पर नमीयुक्त धान को लेकर बढ़ी परेशानी, अब तक पिछले वर्ष से अधिक खरीद
उत्तर प्रदेश में गुरुवार को सभी जिलों में धान खरीद कार्य आरंभ हो गया।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को सभी जिलों में धान खरीद कार्य आरंभ हो गया। क्रय केंद्रों पर नमीयुक्त धान अधिक आने से मुश्किलें बढ़ी है। इसके बावजूद किसानों में सरकारी केंद्रों पर धान बेचने का रुझान ज्यादा है, जिसके चलते अब तक गत वर्ष से कई गुना अधिक धान खरीदा जा चुका है। गत वर्ष इस अवधि में 2301.16 मीट्रिक टन धान खरीद हो सकी थी परंतु इस बार करीब 44 हजार मीट्रिक टन धान अब तक क्रय किया जा चुका है। गुरुवार को पूर्वी जिलों में भी क्रय केंद्रों को सक्रिय कर दिया गया है। प्रदेश में 55 लाख मीट्रिक धान खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए 4000 क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे परंतु अभी 3178 स्थानों पर ही खरीदने का कार्य आरंभ हो सका है।

loksabha election banner

खाद्य एवं रसद विभाग के सूत्रों का कहना है कि खुले बाजार में धान सस्ता होने के कारण सरकारी केंद्रों पर दबाव बढ़ रहा है। खरीदने की नई व्यवस्था में गड़बड़ी की संभावनाएं न्यून होने के कारण भी किसानों का भरोसा बढ़ा है। नमी वाला धान क्रय केंद्रों पर अधिक आने से कई स्थानों पर तकरार होने की सूचनाएं मिल रही हैं।

मंडी स्थलों में धान सुखाने की व्यवस्था करने के निर्देश : नमीयुक्त धान को बिक्री से अच्छी तरह सुखाकर लाने की सलाह किसानों को दी जा रही है। इसके साथ ही किसानों में मंडी स्थल में धान सुखाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है। सभी केंद्रों पर नमी मापक यंत्र अनिवार्य रूप से रखने को कहा गया है।

3.72 लाख किसानों ने कराया पंजीकरण : धान की बिक्री के इच्छुक 3.72 लाख किसानों द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है। किसानों को धान मूल्य का भुगतान 72 घंटे में कराने पर जोर दिया जा रहा है। सहकारिता विभाग के क्रय केंद्रों पर भुगतान में देरी की शिकायतें मिली है परंतु बैंक से ऋण व्यवस्था होने पर समय से किसानों के खाते में पैसा पहुंचने लगेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.