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धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग, राशि के हिसाब से करें खरीदारी; तीन गुना होगी धन की वृद्धि

Dhanteras 2021 दीपोत्सव के पहले आपके घर धन वर्षा का खास योग आपके धन को तीन गुना कर देगा। दो नवंबर को होने वाली धनतेरस के शुभ योग से आपके घर लक्ष्मी का वास होगा। दो नवंबर को धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनाया जाएगा।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sat, 30 Oct 2021 09:38 AM (IST)Updated: Sun, 31 Oct 2021 08:34 AM (IST)
धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग, राशि के हिसाब से करें खरीदारी; तीन गुना होगी धन की वृद्धि
त्रयोदशी तिथि दो नवंबर मंगलवार को दिन में 11:31 से शुरू होकर तीन नवंबर सुबह 9:02 बजे तक रहेगी।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। दीपोत्सव के पहले आपके घर धन वर्षा का खास योग आपके धन को तीन गुना कर देगा। दो नवंबर को होने वाली धनतेरस के शुभ योग से आपके घर लक्ष्मी का वास होगा। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि दो नवंबर को धनत्रयोदशी (धनतेरस) कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष कन्या राशि और हस्त नक्षत्र का संयोग मिल रहा है। त्रयोदशी तिथि दो नवंबर मंगलवार को दिन में 11:31 से शुरू होकर तीन नवंबर सुबह 9:02 बजे तक रहेगी। इस दिन मां लक्ष्मी, धनाध्यक्ष कुबेर की पूजा करनी चाहिए। इसी दिन आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धनवंतरि का समुद्र मंथन से प्राकट्य हुआ था।

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धनतेरस के दिन बर्तन, सोना-चांदी, आभूषण, वाहन खरीदना मिट्टी के दीपक या घर का सामान खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन बेहद शुभ समझा जाने वाले त्रिपुष्कर योग बन रहा है। त्रिपुष्कर योग में खरीदारी करने का लाभ तीन गुना तक बढ़ता है त्रिपुष्कर योग का लाभ दो नवंबर को सूर्योदय से लेकर दिन में सुबह 11:31 बजे तक ही है। आचार्य अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि दो नवंबर को भौम प्रदोष व्रत व्रत भी पड़ रहा है भौम प्रदोष के दिन घर, दुकान, जमीन या प्रॉपर्टी के क्षेत्र में निवेश करने से बड़ा लाभ मिलता है

धनतेरस पूजन का मुहूर्त 

  • शाम 6 :05 बजे से शाम 7 :58 बजे तक है
  • खरीदारी का शुभ मुहूर्त
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:27 बजे से दोपहर 12:12 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 5:12 बजे से 5:36 बजे तक।
  • प्रदोष काल- शाम 5:23 बजे से शाम 7:58 बजे तक।
  • वृषभ काल– शाम 6:05 बजे से रात्रि 8:01 बजे तक।
  • निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:24 बजे से रात्रि 2:16 तक 

इसलिए खरीदा जाता है बर्तनः आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि धनतेरस के दिन बर्तन या धातु के सामान को खरीदने की परंपरा सदियों पुरानी है। धनतेरस के दिन धनवंतरि त्रयोदशी होती है । इस दिन ही वैद्य राज धनवंतरि का जन्म हुआ था । प्राचीन काल में हमलोग धनतेरस या धनवंतरि जयंती मनाने के लिए नए पात्र खरीदते थे । उसमे शीतकाल में सेवन के लिए औषधि निर्मित किया जाता था। वर्तमान में इस परंपरा निर्वहन बर्तन और नए सामान को खरीदकर किया जाता है। धातु का सामान खरीदने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इसी दिन खरीदें मां लक्ष्मी -श्रीगणेश की प्रतिमाः आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि दीपावली के दिन लक्ष्मी-श्री गणेश की पूजा की जाती है। मिट्टी या धातु की बनीं प्रतिमाओं का पूजन करना श्रेयस्कर होता है। इनकी खरीदारी धनतेरस के दिन ही करनी चाहिए। भगवान धनवंतरि के पूजन के प्रतिमाओं का पूजन करना चाहिए।


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