Defense Expo : नीलेे गगन पर तिरंगा बनाएंगे लड़ाकू विमान, सिम्युलेटर पर विमान उड़ाने का भी लीजिए मजा
बैलेस्टिक मिसाइल के हमले को नाकाम करने वाला अवाक्स भी करेगा फ्लाई पास्ट। अंतरिक्ष में सेटेलाइट मार गिराने के डीआरडीओ का मिशन शक्ति देखेगी दुनिया।
लखनऊ, (जेएनएन)। राजधानी लखनऊ का नीला गगन डिफेंस एक्सपो के दौरान तिरंगे से लिपटा हुआ दिखायी देगा। पांच से नौ फरवरी तक वृंदावन योजना में होने वाले डिफेंस एक्सपो में फ्लाई पास्ट करने वाले विमान बेंग्लूरु के एयर शो की तरह आसमान में तिरंगा बनाएंगे। इतना ही नहीं दुश्मन देशों की बैलेस्टिक मिसाइल के बारे में जानकारी जुटाने वाला रडार युक्त सर्विलांस एयरक्राफ्ट भी फ्लाई पास्ट का हिस्सा होगा। अंतरिक्ष में पिछले साल सेटेलाइट को मार गिराने वाली डीआरडीओ की एंटी सेटेलाइट मिसाइल इंडिया पवेलियन में मेक इन इंडिया का नेतृत्व करेगी।
अपग्रेड हुए बीकेटी वायुसेना स्टेशन से सबसे अधिक एयरक्राफ्ट उड़ेंगे। पहली बार स्वदेशी तकनीक का हल्का लड़ाकू विमान तेजस भी बीकेटी वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरेगा। फ्लाई पास्ट के लिए छह वायुसेना स्टेशनों का एक साथ इस्तेमाल किया जाएगा। बीकेटी के साथ हिंडन, बरेली, इलाहाबाद, आगरा और चकेरी वायुसेना स्टेशनों से सुखोई, जगुआर, अवाक्स रडार सिस्टम वाले एयरक्राफ्ट, चिनूक व अन्य हेलीकॉप्टर फ्लाई पास्ट के लिए लखनऊ पहुंचेंगे। तेजस के अलावा भारतीय वायुसेना की एयरोबेटिक्स टीम सूर्य किरण अपने डोनियर विमानों साथ एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर, एमआइ-17 लड़ाकू हेलीकॉप्टर, एचएएल का लाइट यूटीलिटी हेलीकॉप्टर व लाइट कम्बैट हेलीकॉप्टर बीकेटी वायुसेना स्टेशन से ही उड़ान भरेंगे।
ऐसे होगा फ्लाई पास्ट
एमआइ-17 हेलीकॉप्टर डिफेंस एक्सपो स्थल पर फ्लाई पास्ट का नेतृत्व करेगा। इसके बाद थलसेना और वायुसेना के रुद्र हेलीकॉप्टर दर्शकों के सामने से गुजरेंगे। उनके ठीक पीछे चिनूक हेलीकॉप्टर होंगे। कोस्ट गार्ड के डोनियर विमान के ठीक बाद भारतीय वायुसेना का ट्रांसपोर्टर विमान सी-17 ग्लोब मास्टर दो सुखोई विमानों के साथ तिरंगा बनाते हुए गुजरेगा। नेत्र फार्मेशन का नेतृत्व दो तेजस लड़ाकू विमानों के साथ रडार लगा विमान करेगा। इसके ठीक पीछे तीन लड़ाकू विमान जगुआर और तीन सुखोई आसमान में गर्जना करते हुए बढ़ेंगे। आखिरी में एक सुखोई विमान आसमान में करतब भी दिखाएगा।
इसलिए खास है अवाक्स
भारतीय वायुसेना के सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत करने के लिए डीआरडीओ को रडार लगे विमान में यह तकनीक विकसित करने का जिम्मा मिला था। डीआरडीओ ने तीन ब्राजील के जेट इम्ब्रेअर ईआरजे 145 में एयरबोन अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) सिस्टम को लगाया। जिसे नेत्र प्रोजेक्ट नाम दिया गया। आसमान में उड़ता यह रडार सर्विलांस के अलावा हवा में ट्रैकिंग, निगरानी, समुद्री टारगेट को निशाना बनाने के साथ दुश्मन देशों की बैलेस्टिक मिसाइल की पकड़ सकती है। इसे 14 फरवरी 2017 को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया।
एसैट मिसाइल
डीआरडीओ के मिशन शक्ति का यह अहम हिस्सा है। यह एंटी सेटेलाइट मिसाइल राडार व इंटरसेप्टर सिस्टम से लैस है। इस मिसाइल ने 27 मार्च 2019 को अपने परीक्षण के दौरान 168 सेकेंड में एक सेटेलाइट को मार गिराया था।
सिम्युलेटर पर उड़ाएं लड़ाकू विमान
वृंदावन योजना में होने वाले डिफेंस एक्सपो में शहरवासी सिम्युलेेटर पर ही सही लड़ाकू विमान को उड़ा सकेंगे। बोइंग कंपनी डिफेंस एक्सपो में सिम्युलेटर भी ला रही है। हॉल नंबर तीन में बोइंग सिम्युलेटर की प्रदर्शनी लगाएगा। सिम्युलेटर पर बोइंग के मल्टीरोल लड़ाकू विमान एफ/18 सुपर हार्नेट को लोग पांच से आठ फरवरी तक सुबह 10 से दोपहर तीन बजे तक उड़ाने का एहसास कर सकेंगे। वहीं, भारतीय वायुसेना एक फरवरी से अपना अभ्यास शुरू कर देगी। जबकि तीन फरवरी से एक्सपो स्थल पर फुल ड्रेस रिहर्सल होगी।
रिवर फ्रंट पर तीन बार शो
पांच से नौ फरवरी तक गोमती रिवर फ्रंट पर तीन बार शो होंगे। पहले शो में सुबह 11 से 11:30 बजे तक सिम्फनी बैंड का प्रदर्शन होगा। जबकि 11:40 से 12:40 बजे तक सेना के जवान गतका का साहसिक प्रदर्शन करने के साथ खुखरी डांस, कुमाऊंनी डांस व डॉग शो होगा। यहीं कार्यक्रम दोपहर 2:10 से शुरू होकर शाम चार बजे तक होगा। जबकि चार से 4:30 बजे तक नेवी व कोस्ट गार्ड का डिस्प्ले, 4:35 से पांच बजे तक नेवी का बैंड प्रदर्शन व शाम पांच से 5:30 बजे तक वायुसेना के बैंड का प्रदर्शन होगा।