खुदा गवाह! सुरमई अंखियों के बंद होने से सदमा बेपनाह
अलविदा श्री देवी : नृत्य जगत की 'चांदनी' के जाने से कलाकारों के चेहरे बेनूर, श्री देवी के स्टाइल को फॉलो कर कई ने सीखा डांस
लखनऊ (दुर्गा शर्मा)। प्यार का इजहार करने के लिए लव बर्ड्स 'काटे नहीं कटते दिन ये रात..' गाने का सहारा लेते हैं। शादी के घर में 'मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां हैं..' गाने के बिना महिला संगीत अधूरा है। हर लड़की चाहती है कि वह भी शिफॉन साड़ी में अपने मितवा संग 'तेरे-मेरे होंठों पे मीठे-मीठे गीत..' गाने पर कदमताल करे। 'मोरनी बागा में बोले आधी रात मा..' गीत पर चूड़ियां खनकाए बगैर डांसिंग कॅरियर अधूरा है। यह श्री देवी का जादू है, जो हमेशा कायम रहेगा। नृत्य में 'श्री' वृद्धि के लिए उनका डांसिंग स्टाइल ही काफी है। आज हर थिरकते कदम थम से गए हैं कि नृत्य जगत का 'नगीना' नहीं रहा। कलाकारों के चेहरे बेनूर कर 'चांदनी' चली गई। उन सुरमई अंखियों के बंद होने से कई ख्वाब अधूरे रह गए। श्री देवी के निधन से नृत्य गुरु और शिष्य शोकाकुल हैं।
ऐसी भाव-भंगिमाएं और कहां
कथक गुरु अनुज मिश्रा ने बताया कि श्री देवी बहुत सधी हुई शास्त्रीय नृत्यांगना भी थीं। लिहाजा उनकी भाव भंगिमाएं लाजवाब होती थीं। वह सिर्फ शरीर से नहीं चेहरे से भी डांस करती थीं। चार साल पहले मुंबई में एक प्रस्तुति के दौरान उनसे मिलने का मौका मिला था। वह मेरी प्रस्तुति से काफी खुश थीं। मेरे पिता स्व पंडित अर्जुन मिश्रा जी का भी जिक्र किया। उनसे छोटी सी मुलाकात ऊर्जा पुंज की तरह रही। उनसे बहुत कुछ सीखना बाकी रह गया।
डांस में कॉमेडी मिक्स करना उम्दा
कृष्णा नगर निवासी फ्री स्टाइल डांसर शुभांगी मेहता ने बताया कि मैं पांचवीं क्लास में थी। 'मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा..' गाने पर स्कूल में परफॉर्म किया। श्री देवी मैम के डांस स्टेप फॉलो किए थे और फर्स्ट प्राइज जीता। तब से श्री देवी मैम को गुरु मानकर डांसिंग को पैशन बना लिया। उनके डांसिंग नंबर्स के वीडियो देख-देखकर डांस सीखा। वह डांस में कॉमेडी को अच्छे से मिक्स कर लेती थीं। इच्छा थी कि कभी उनसे आशीर्वाद लेने का मौका मिलेगा, पर अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
'चालबाज' में किया तांडव लाजवाब
कल्याणपुर निवासी भरतनाट्यम नृत्यांगना दिव्या शुक्ला ने बताया कि मेरे लिए श्री देवी हमेशा नृत्य का आदर्श रहीं और आगे भी रहेंगी। मैं बचपन से ही उनके एक्सप्रेशन्स की दीवानी हूं। वह कमाल की भरतनाट्यम नृत्यांगना भी रहीं। फिल्म चालबाज में उन्होंने जो तांडव नृत्य किया, वैसी प्रस्तुति मेरा सपना है। यह नृत्य हमेशा मुझे और अच्छा कर सकने के लिए प्रेरित करता है। वह हमारे बीच नहीं रहीं पर उनकी कला हमेशा जिंदा रहेगी।
उनका चेहरा ही देखते रह जाते थे
विकासनगर निवासी फ्री स्टाइल डांसर काव्या त्रिपाठी ने बताया कि उम्दा एक्टिंग और लाजवाब डांस। उनके डांसिंग नंबर्स के वीडियो डांस के स्टूडेंट के लिए लाइब्रेरी जैसे हैं। उनकी आंखें बोलती थीं। फिल्मों में नाचते वक्त उनका चेहरा ही देखते रह जाती थी। कोई भी गाना उठा लें और पैर खुद ब खुद थिरकने लगते हैं। 'लगी आज सावन..' और 'नैनो में सपना..', 'हवा हवाई..' और भी कितने गाने हैं जिन पर प्रस्तुति दी है और खूब वाहवाही मिली है।
मोरनी सा नृत्य मतलब श्री देवी
चौक में रहने वाली कथक स्टूडेंट श्रद्धा सक्सेना बताती हैं कि मैंने कथक नृत्य और गायन में प्रभाकर किया है। विगत दो वर्षो से भातखंडे में कथक नृत्य की शिक्षा ग्रहण कर रही हूं। बचपन से ही श्री देवी की प्रशंसक रही हूं। जैसे मोरनी को नाचते देख हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है, वैसे ही श्री देवी का डांसिंग स्टाइल होता था। उनके गीत 'मोरनी बागा मा बोले..' गीत पर प्रोग्रेसिव कल्चर सोसाइटी के प्रोग्राम में प्रस्तुति दी थी, प्रथम स्थान प्राप्त किया। श्री देवी जी के कई और गानों पर परफॉर्म किया और खूब वाहवाही मिली।
दीवानगी का आलम
श्री देवी के लिए दीवानगी का आलम यह रहा कि उनके निधन की सूचना आते ही सोशल मीडिया उनकी फोटो और शोक संदेश से पट गया। उनके चाहने वालों ने वाट्सएप और फेसबुक पर स्टे्टस अपडेट पर अपनी चहेती अभिनेत्री को विनम्र श्रद्धांजलि दी। इंदिरा नगर निवासी तापस दास ने श्री देवी का पोट्रेट बनाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।