फिटनेस फीस से ज्यादा जुर्माना नहीं ले सकेंगे परिवहन अधिकारी
हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए आदेश। परिवहन विभाग ने कहा कि मामला केंद्रीय मोटरयान नियमावली से जुड़ा। शासन से मांगे जा रहे हैं निर्देश।
लखनऊ, जेएनएन। वाहनों की फिटनेस फीस से ज्यादा शुल्क वसूले जाने के एक मामले में उच्च न्यायालय ने परिवहन विभाग को आदेश दिया है कि इसे वाहन स्वामी से न लिया जाए। इसी की आड़ लेकर अन्य वाहनस्वामी भी अतिरिक्त शुल्क रोके जाने की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके परिवहन विभाग वाहन स्वामियों से अभी फिटनेस फीस के अतिरिक्त जुर्माना वसूल रहा है। इस पर ऑटो यूनियन फिर से न्यायालय जाने की तैयारी में है। वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी केंद्रीय मोटरयान नियमावली का हवाला देते हुए पूरे मामले को शासन भेज दिशा-निर्देश मांगने जा रहे हैं।
दरअसल, केंद्रीय परिवहन मंत्रालय भारत सरकार ने दिसंबर 2016 में वाहनों का फिटनेस शुल्क 220 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया था। अपर परिवहन आयुक्त अरविंद कुमार पांडेय के मुताबिक फिटनेस अवधि खत्म होने पर शुल्क के अलावा प्रतिदिन पचास रुपया जुर्माने का प्रावधान है। वैधता खत्म होने पर वाहन स्वामियों को फीस से ज्यादा जुर्माना देना पड़ रहा है। जबकि अन्य राज्यों में इस अतिरिक्त शुल्क का आदेश वापस ले लिया गया है। इसी आधार पर वाहन स्वामी ने फिटनेस शुल्क के अतिरिक्त पैसा लिए जाने पर रोक लगाने के लिए एक याचिका दायर कर दी। इस पर हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग से फिटनेस फीस के अतिरिक्त शुल्क न वसूलने के आदेश दिए हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
परिवहन आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि केंद्रीय मोटरयान नियमावली के तहत तय किए गए नियमों का पालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत निर्धारित की गई जुर्माने की दरों को ही लिया जा रहा है। यह अंतरिम आदेश है। शासन को मसला भेजकर दिशा-निर्देश मांगे जा रहे हैं। इसके तहत एक व्यक्ति को राहत दी जानी है या फिर अन्य सभी में यह बदलाव किया जाना है। इस विषय पर शासन को पत्र भेजा जा रहा है। गाइड लाइन आने के बाद ही इस विषय पर कुछ कहा जा सकता है।