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Stock Limit: स्टॉक लिमिट लागू करने पर लखनऊ के व्यापारियों में नाराजगी, कहा; भ्रष्टाचार और अधिकारियों की बढ़ेगी मनमानी

स्टॉक लिमिट लागू किए जाने पर व्यापारी नाराज हैं और वे इसे सरकार से वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि गल्ला कारोबारी दाल मिलर्स ट्रेडर्स और इंपोर्टर आदि पर स्टॉक लिमिट लागू किया जाना गलत है। व्यापारी इसे लेकर विरोध जता रहे हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:32 AM (IST)
Stock Limit: स्टॉक लिमिट लागू करने पर लखनऊ के व्यापारियों में नाराजगी, कहा; भ्रष्टाचार और अधिकारियों की बढ़ेगी मनमानी
व्यापारियों का कहना है कि नान ब्रांडेड दाल चावल के कारोबार पर तो जीएसटी भी नहीं है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। स्टॉक लिमिट लागू किए जाने पर व्यापारी नाराज हैं और वे इसे सरकार से वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि गल्ला कारोबारी, दाल मिलर्स, ट्रेडर्स और इंपोर्टर आदि पर स्टॉक लिमिट लागू किया जाना गलत है। व्यापारी इसे लेकर विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे साफ तौर पर भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मनमानी बढ़ेगी।

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नान ब्रांडेड पर तो जीएसटी भी नहींः व्यापारियों का कहना है कि नान ब्रांडेड दाल चावल के कारोबार पर तो जीएसटी भी नहीं है। बावजूद स्टॉक लिमिट कानून व्यापारियों पर थोपा जाना गलत है। इससे व्यापारियों का उत्पीडऩ बढ़ेगा।

किसी एजेंसी के लाइसेंसी तक नहीं फिर भी स्टॉक लिमिटः व्यापारियों ने बताया कि नान ब्रांडेड आइटम में ज्यादातर खाद्यान्न आते हैं। ऐसे में स्टॉक लिमिट लागू किया जाना बेमानी है। व्यापारियों का मानना है कि न तो वे मंडी के लाइसेंसी हैं और न ही आरएफसी रीजनल फूड कंट्रोलर के दायरे में आते हैं। ऐसे में यह कानून सिर्फ व्यापारियों के उत्पीडऩ का कारक बनना तय है।

इस कानून को सरकार को वापस लेना होगा। व्यापारियों ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से इस पर अपना तीखा विरोध जताया है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि इस पर संबंधित मंत्री से वार्ता कर हल निकाला जाएगा। इससे व्यापारियों का उत्पीडऩ होगा। सरकार तक बात पहुंचा दी गई है। बंदी नहीं कर रहे हैं। -राजेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष लखनऊ व्यापार मंडल, आढ़ती पांडेय गल्ला मंडी

इसे लागू किया जाना कतई अनुचित है। इससे व्यापारियों का शोषण बढ़ेगा। अधिकारी मनमानी पर उतारू होंगे। बाजार सामान्य हैं लगातार खाद्यान्न के रेट कम हो रहे हैं। ऐसे में इसे लागू किया जाना गलत है। संगठन सरकार के खिलाफ नहीं है। अभी बंदी जैसी बात नहीं है। -भारत भूषण गुप्ता, अध्यक्ष लखनऊ राइज एवं दाल मिलर्स एसोसिएशन

नहीं रही बंदी, गल्ला मंडी खुलींः उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की ओर से खाद्यान्न मंडियों की बंदी की अपील की गई थी। लेकिन शहर फतेहगंज, पांडेयगंज, डालीगंज और सीतापुर रोड स्थित सभी प्रमुख खाद्यान्न मंडिया शुक्रवार को खुली रहीं।


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