डिवाइस बताएगी पटरियों का फैक्चर
जागरण संवाददाता, लखनऊ : भीषण गर्मी हो या फिर प्रचंड सर्दी, मौसम का सीधा असर रेल पटरियों
जागरण संवाददाता, लखनऊ : भीषण गर्मी हो या फिर प्रचंड सर्दी, मौसम का सीधा असर रेल पटरियों पर पड़ता है। सर्दी में पटरियों के चटकने और गर्मी में उनके फैलाव का पता लगाने के लिए अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) का दो रूटों पर ट्रायल शुरू हो गया है। आरडीएसओ जल्द ही अपने ट्रायल को और पुख्ता बनाएगा। इसके लिए रेल बजट में आरडीएसओ को एक करोड़ रुपये मिले हैं।
उत्तर भारत में पटरियों के टूटने की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। पटरियों के टूटने से ट्रेन दुर्घटनाएं भी होती हैं। पटरियों के टूटने की सूचना ट्रेन ड्राइवर को सही समय पर मिल सके, इसके लिए आरडीएसओ ने अल्ट्रासोनिक डिटेक्टिंग उपकरणों का परीक्षण आरडीएसओ ने पहले मुरादाबाद सेक्शन के 25 किलोमीटर रेलखंड पर शुरू किया था। अब आरडीएसओ ने उत्तर मध्य रेलवे के भी 25 किलोमीटर रेलखंड को चुना है। इस रूट पर हर डेढ़ किलोमीटर पर सेंसर लगाए गए हैं। यह सेंसर ट्रेन आते ही इंजन में लगे रिसीवर को पटरियों की जानकारी देते हैं। हालांकि अब तक हुए ट्रायल में आरडीएसओ को कई तरह की बाधाओं का सामना भी करना पड़ा है। आए दिन उपकरणों की चोरी होने या फिर उनके बिगड़ने से सेंसर का रिसीवर से संपर्क कट रहा है। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने उत्तर मध्य रेलवे के 25 किलोमीटर रेलखंड के लिए 5.82 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। जिसके तहत सेंसर सहित सभी उपकरणों को पुख्ता बनाया जाएगा। इन उपकरणों के चोरी होने और आए दिन आने वाली गड़बड़ी रोकने की दिशा में भी शोध किया जाएगा। आरडीएसओ के अधिशासी निदेशक एनके सिन्हा ने बताया कि पटरी चटकने की घटना पर तुरंत इसकी सूचना ट्रेन ड्राइवर को मिल सके इसके लिए ट्रायल चल रहा है। अब इस ट्रायल को और पुख्ता बनाया जाएगा। जिसके लिए रेलवे बोर्ड से एक करोड़ रुपये का बजट मिल गया है। जल्द ही सारी कमियों को दूर कर ट्रायल को पूरा किया जाएगा।