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Sitapur Gas Leak: जहरीली गैस से सात की मौत के बाद प्रभावित लोगों का चेकअप करने पहुंची टीम

सीतापुर के बिसवां में पहुंची विष विज्ञान अनुसंधान के विशेषज्ञों की टीम ने प्रभावित लोगों का किया स्वास्थ्य परीक्षण। छह फरवरी की रात जहरीली गैस से हुई थी 7 लोगों की मौत।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 12:48 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 12:48 PM (IST)
Sitapur Gas Leak: जहरीली गैस से सात की मौत के बाद प्रभावित लोगों का चेकअप करने पहुंची टीम
Sitapur Gas Leak: जहरीली गैस से सात की मौत के बाद प्रभावित लोगों का चेकअप करने पहुंची टीम

सीतापुर, जेएनएन। Sitapur Gas Leak: उत्‍तर प्रदेश के सीतापुर में पिछले सप्ताह जहरीली गैस से हुईं 7 लोगों के मरने की घटना के बाद बुधवार को भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान की एक टीम मौके पर पहुंची है। डीजी हेल्थ कार्यालय के कंसल्टेंट डॉ. पीयूष जैन की सलाह पर आई टीम ने सबसे पहले थाने में उन सिपाहियों के स्वास्थ्य की जांच की है, जो लोग घटना के दिन मौके पर मौजूद थे। 

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जहरीली गैस के कारण वह लोग भी प्रभावित हुए थे। ऐसे लोगों का भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान की टैक्सोलॉजी अनुभाग के डॉ. सी केशव चंद्रन और डॉ. विपिन बिहारी ने स्वास्थ्य परीक्षण किया है। इसमें कस्बा इंचार्ज अजय रावत, कांस्टेबल रमेश चंद्र यादव, अनुज भाटी और वाहन चालक बृजेश यादव के स्वास्थ्य जांच की गई है। इसी तरह टीम बिसवां कस्बे के शेख सरांय मोहल्ले के स्कूल में संबंधित एक बच्चे का भी स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विद्यालय पहुंच रही है। कंसलटेंट डॉ पीयूष जैन ने बताया कि उन्होंने पिछले 2 दिन बिसवां में रुक कर जहरीली गैस के प्रभाव को परखा है। उसके बाद उन्होंने भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ आलोक धवन को अपनी एक टीम भेजने का अनुरोध किया था। अभी टीम मौके पर जांच पड़ताल कर रही है।

भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान के विशेषज्ञ डॉ. सी. केशव चंद्रन ने बताया कि जहरीली गैस के प्रभाव में आए लोगों ने कुछ स्वास्थ्य समस्या बताई थी। जिसके आधार पर उन संबंधित लोगों का ब्लड टेस्ट किया जा रहा है। यूरिन, फेफड़े की जांच भी की जा रही है और ब्लड प्रेशर देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में करीब एक-दो दिन काम करने के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार हो पाएगी। जिसे वह अपने निदेशक को सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ी तो जहरीली गैस से प्रभावित लोगों का उच्च स्तरीय इलाज कराने की संस्तुति शासन को भेजी जाएगी।

ये था पूरा मामला 

बता दें, छह फरवरी की रात को केमिकल फैक्ट्री में एक टैंकर आया था। इस टैंकर को पानी से यहीं पर धोया गया था। इससे निकला केमिकल एक नाली के जरिए दरी फैक्ट्री के आसपास भर गया। इसी से आसपास जहरीली गैस घुल गई और फैक्ट्री में सोए सभी सातों लोगों को मौत की नींद सुला दिया।


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