आइईटी व आर्किटेक्चर कॉलेज की ग्राट जीरो
अभी तक प्राविधिक शिक्षा विभाग देता था कॉलेजों को टोकन ग्राट। अब जरूरत के अनुसार डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम विवि देगा खर्च।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) व गवर्नमेंट आर्किटेक्चर कॉलेज की टोकन ग्राट प्राविधिक शिक्षा विभाग ने जीरो कर दी है। अब पूरी तरह डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ही इसका खर्चा उठाएगा। ऐसे में वर्ष 2004 से पहले भर्ती शिक्षक व कर्मचारी अपनी पेंशन को लेकर चिंतित हैं, मगर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक सीतापुर रोड पर स्थित आइईटी को करीब 1.86 करोड़ रुपये की सालाना ग्राट मिलती थी और आर्किटेक्चर कॉलेज को 85 लाख रुपये सालाना ग्राट मिलती थी। मगर वर्तमान सत्र में इस टोकन ग्राट को जीरो कर दिया गया है। ऐसे में अब पूरा खर्चा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) उठाएगा। आइईटी एकेटीयू का घटक कॉलेज है और आर्किटेक्चर कॉलेज संकाय। अभी हाल ही में एकेटीयू ने आर्किटेक्चर कॉलेज को नई बिल्डिंग बनाने के लिए करीब 15 करोड़ रुपये दिए, इसके अलावा भी खर्चे वह उठाता है। वहीं, आइईटी में आडिटोरियम और स्टेडियम बनाने के लिए रकम दी। इसके अलावा भी खर्चे उठाता है। मगर इन दोनों ही संस्थानों के पुराने शिक्षक व कर्मचारी इस बात को लेकर घबराए हुए हैं कि कहीं सरकारी मदद बंद होने से उनकी पेंशन न फंस जाए। इधर एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक का कहना है कि पुराने लोगों को नियम के अनुसार, पेंशन मिले इसे कार्यपरिषद से पास करवाया गया है और राज्य सरकार से भी माग की गई है। फिर एकेटीयू भी सरकार के ही नियंत्रण वाली यूनिवर्सिटी है, ऐसे में नुकसान होने जैसे कोई बात नहीं। स्वायत्तता न छिन जाए इससे डरे हैं कॉलेज
आइईटी भले ही एकेटीयू का घटक कॉलेज है, लेकिन वह अपनी परीक्षा खुद करवाता है और रिजल्ट खुद जारी करता है। ऐसे में उसे भय है कि कहीं स्वयत्तता छिन न जाए। उधर दूसरी ओर आर्किटेक्चर कॉलेज में भी पुराने शिक्षक व स्टॉफ डरा है।