Move to Jagran APP

आज खत्म हो जाएगा लखनऊ के मेयर और पार्षदों का कार्यकाल

अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान नगर निगम सदन ने ऐसे कोई निर्णय नहीं लिए, जिसका प्रभाव शहर में दिखा हो।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 10:19 AM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 10:19 AM (IST)
आज खत्म हो जाएगा लखनऊ के मेयर और पार्षदों का कार्यकाल
आज खत्म हो जाएगा लखनऊ के मेयर और पार्षदों का कार्यकाल

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। मेयर व 110 पार्षदों का कार्यकाल 10 अगस्त की शाम को खत्म हो जाएगा। सदन की पहली मीटिंग से कार्यकाल को माना गया था और लखनऊ नगर निगम में सदन की पहली मीटिंग 11 अगस्त 2012 को हुई थी। इसके बाद नगर निगम में प्रशासक कार्यकाल लग जाएगा और कार्यकारिणी व सदन के निर्णय लेने का अधिकार प्रशासक को हो जाएगा।

loksabha election banner

जुलाई 2012 में नगर निगम सदन का गठन किया गया था। अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान नगर निगम सदन ने ऐसे कोई निर्णय नहीं लिए, जिसका प्रभाव शहर में दिखा हो। धरातल पर कूड़ा प्रबंधन योजना नहीं आ पाई तो शहर अतिक्रमण से मुक्त नहीं हो सका। शहर सीवर,पेयजल और सफाई समस्या से जूझता रहा। सफाई में देश में 269 नंबर पा सके।

आवारा पशुओं के लिए कान्हा उपवन के अलावा कोई अतिरिक्त ठिकाना नहीं बन सका। नगर निगम की अनुपयोगी संपत्तियों का उपयोग करने की योजना भी सदन में रह गई। इसके लिए बनाई गई कमेटी कोई निर्णय देने के बजाय बैठक ही करती रही। इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने से लेकर महिला कॉलेज बनाने की योजना कारगर साबित नहीं हो सकी।

यहां फेल रहा सदन:
- जेएनयूआरएम के अंतर्गत ट्रांसगोमती में पड़ी सीवर लाइन चालू कराने में पीछे रहे। आज भी सीवर लाइन चालू नहीं हो पाई है।
- शहर के कई इलाकों में पेयजल संकट दूर करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। पार्षद निधि से लगे सबमर्सिबल पंप समय से पहले ही खराब हो गए।
- अतिक्रमण हटाने और पटरी दुकानदारों के लिए फेरी नीति लागू कराने की दिशा में कोई निर्णय नहीं लिए गए।
- अनियोजित कालोनी रोकने के बजाय पार्षदों ने ऐसी कॉलोनियों में अपनी विकास निधि लगाकर उसे बढ़ावा देने का काम किया।
- नई कैटल कॉलोनी बनाने की दिशा में भी सदन ने कोई योजना नहीं बनाई।

यह भी पढ़ें: अमेठी: अकालतख्त ट्रेन में बम मिलने से दहशत, लावारिस पत्र में आतंकी दुजाना का जिक्र

- भाजपा पार्षद रमेश कपूर कहते हैं कि कार्यकाल अच्छा रहा लेकिन नगर निगम सदन शहर को कोई बड़ी योजना देने में विफल रहा। गलियों तक में विकास हुआ।
- कांग्रेस पार्षद गिरीश मिश्र कहते हैं कि पांच साल में नगर निगम सदन जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा। हम शहरवासी को सीवर लाइन नहीं दे पाए। सफाई व्यवस्था इतनी खराब थी कि लखनऊ नगर निगम देश में 269 स्थान पर रहा।
- सपा पार्षद सै.यावर हुसैन रेशू का कहना है कि पांच साल का कार्यकाल निराशाजनक रहा। विकास के कोई कार्य नियोजित तरह से नहीं हो सके।

यह भी पढ़ें: अकाल तख्त एक्सप्रेस में टिफिन बम, बीडीएस ने किया डिफ्यूज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.