लखीमपुर में बाघिन का खौफ, बहराइच में तेंदुए की दहशत
बुधवार रात फिर बाघिन ने धावा बोला। दहशत में है पूरा परिवार। परिवार के एक सदस्य पर पहले भी हमला कर चुका है बाघ।
लखनऊ, जेएनएन। महेशपुर रेंज में घमहाघाट के निकट लाल सिंह के झाले में बुधवार रात फिर बाघिन ने धावा बोला। मोहम्मदी के जंगल से सटे लाल सिंह के झाले के आस पास बाघिन पिछले कुछ दिनों में सात बार आ चुकी है। बुधवार /गुरुवार रात उसने आठवीं बार दस्तक दी।
लाल सिंह के मुताबिक रात बाघिन उनके झाले में गेट पर थी। उसके साथ एक शावक भी था। यह बाघिन पहले तीन शावकों के साथ देखी जा चुकी है। मवेशियों के चिल्लाने की आवाज पर परिवार को बाघिन के होने की जानकारी हुई।
लाल सिंह के पिता पर बाघ कर चुका है हमला
लाल सिंह के पिता रतन सिंह और उनके भाई कश्मीर सिंह के परिवार के 20 लोग झाले में रहते हैं। छोटे छोटे बच्चे भी हैं। लाल सिंह के पिता रतन सिंह 10 साल पहले बाघ के हमले का शिकार हो चुके हैं। बाघ ने इनके मुंह पर पंजा मारा था, जिससे उनकी नाक टूट गई थी। तब से रतन सिंह को इतनी सर्दी में भी दो-तीन बार नहाते हैं। बाघ की दहशत से परेशान लालसिंह की मां जागीर कौर कुनबे की सलामती के लिये रोज प्रार्थना करती हैं। लालसिंह व उनके भाई जगदीश का परिवार दहशत में जी रहा।
जून में बालकराम की जान ले चुकी है बाघिन
पिछली 18 जून को शावकों के साथ घूम रही इसी बाघिन नें इब्राहिम पुर ग्रंट के सुंदरपुर निवासी 35 वर्षीय बालकराम पर हमलाकर मार डाला था। बालकराम लाल सिंह के झाले के पास अपने खेत में पानी लगा रहा था।
भटपुरवा गांव के पास दिखा तेंदुआ, ग्रामीणों में दहशत
बहराइच में बुधवार देर शाम रानीपुर थाना क्षेत्र के भटपुरवा गांव के के पास तेंदुआ खेत में बैठा दिखाई दिया। तेंदुए को देखते ही ग्रामीण दहशत में आ गए। इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना के बाद भी वन विभाग के अधिकारी व कर्मी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। थाना क्षेत्र के भटपुरवा गांव के शमीम अहमद उर्फ चांद बाबू बाइक से अपने घर जा रहे थे। इसी दौरान तेंदुआ सड़क पर दिखाई पड़ा। तेंदुए को देखकर उन्होंने बाइक रोक दी। इस दौरान सड़क पार कर तेंदुआ गन्ने के खेत में जाकर बैठ गया। मोटरसाइकिल की रोशनी में ग्रामीणों ने तेंदुए की तस्वीर अपनी मोबाइल में कैद कर लिया। ग्रामीणों के हांका लगाने के बाद तेंदुआ गन्ने के खेत में छिप गया। डीएफओ बहराइच आरपी सिंह ने बताया कि हमें कोई जानकारी नहीं है। आपने बताया है तो पता करा लेते हैं। डीएफओ के इस बयान से आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि वन विभाग के अधिकारी वन्यजीवों व ग्रामीणों की सुरक्षा के प्रति कितना संजीदा हैं। देर शाम तक वनाधिकारियों के मौके पर न पहुंचने से ग्रामीण दहशतजदा रहे।