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अब सीमा पर रिमोट से फायरिंग कर दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगी भारतीय सेना

रिमोट से ऑपरेटेड वेपन सिस्टम और उसमें लगी राइफल। सेना के तीन जवानों ने बनाया रिमोट ऑपरेटेड वेपन सिस्टम। अर्जुनगंज फायरिंग रेंज और 11 जीआरआर रेंज में सफल ट्रायल।

By Edited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 09:42 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 08:14 AM (IST)
अब सीमा पर रिमोट से फायरिंग कर दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगी भारतीय सेना
अब सीमा पर रिमोट से फायरिंग कर दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगी भारतीय सेना

लखनऊ [निशांत यादव]। जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना अब एलएमजी, एमएमजी, एके-47 और एके-56 जैसी राइफल वीडियो के जरिए न केवल निगरानी करेगी, बल्कि वह रिमोट की मदद से फायरिंग भी कर सकेगी। जवान राइफल से 100 मीटर दूरी से अपने टारगेट को उड़ा सकेंगे। सेना के तीन जवानों ने रिमोट से संचालित वेपन सिस्टम बनाया है। मोबाइल फोन और एप की मदद से यह सिस्टम काम करेगा।

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अर्जुनगंज फायरिंग रेंज और 11 जीआरआरसी की शॉर्ट रेंज में इसका सफल ट्रायल किया गया। अब इसे इनोवेशन और आइडिया प्रदर्शनी में लगाया गया है। मोटर और रिले पर आधारित यह सिस्टम कॉकिंग, टिगर ऑपरेशन को नियंत्रित करता है, साथ इसकी मदद से हथियार किसी भी दिशा में मुड़ सकता है। इसमें एक मोबाइल फोन लगा होगा जो कंट्रोलर बॉक्स से जुड़ा होगा। राइफल में लगा मोबाइल वाई-फाई के जरिए जवान के स्मार्ट फोन से कनेक्ट होगा।

एक एप के जरिए राइफल में लगा मोबाइल फोन लाइव वीडियो भेजेगा। जवान दूर से ही अपने मोबाइल के जरिए फायरिंग कर सकेगा। वह राइफल को किसी भी दिशा में घुमा भी सकेगा।

लखनऊ में हुआ डिजाइन: इस सिस्टम को डिजाइन लखनऊ ईएमई वर्कशॉप के एक सैन्य अधिकारी ने किया है, जबकि इसको जगदीप पुंडरीक केदारी और प्रवीन आर ने तैयार किया। यह सिस्टम स्मार्ट फोन से संचालित होगा।

सेना का इनोवेशन: युद्ध के समय रात में सैन्य काफिला आसानी से गुजर सके इसके लिए दो महार रेजीमेंट ने जिप्सी में आगे नाइट विजन सिस्टम विकसित किया है। आइआर फिल्टर फिल्म की मदद से बिना वाहन की लाइट जलाए आगे की पिक्चर दिखाई देगी। जिसके पीछे काफिला अपनी पूरी गति से गुजर सकेगा।

सीमा पर पोस्ट को बिजली मुहैया कराने के लिए वर्टिकल एक्सिस विंड टर्बाइन को विकसित किया गया है। इसे सड़क किनारे लगाया जा सकता है। वाहनों की गति से इसे हवा मिलेगी और यह उससे बिजली बनाएगा। जिसे सुपर कैपिसीटर बैंक में एकत्र किया जाएगा।

..तो नहीं चलेगी बस: सेना की स्कूल बसों से जाने वाले बच्चों के सीढ़ी से उतरे बिना वह न चल सके इसके लिए सेफ्टी मैकेनिज्म बनाया गया है। इसमें एक पुश बटन सीढ़ी पर लगा रहेगा जो ड्राइवर के पास डैशबोर्ड से जुड़ा रहेगा। सीढ़ी पर किसी बच्चे के खड़े रहने पर यह बटन सक्रिय हो जाएगा और ड्राइवर को अलार्म देने लगेगा।


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