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अब तक 22 विधायकों को धमकी देने में इस्तेमाल किए गए तीन नंबर

विधायकों को निशाना बना रहे गिरोह ने अब तक तीन वर्चुअल नंबरों का प्रयोग कर विधायकों को धमकी भरे संदेश भेजने के साथ ही इंटरनेट कॉल कर धमकाया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 10:12 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 10:12 PM (IST)
अब तक 22 विधायकों को धमकी देने में इस्तेमाल किए गए तीन नंबर
अब तक 22 विधायकों को धमकी देने में इस्तेमाल किए गए तीन नंबर

लखनऊ (जेएनएन)। सत्ताधारी विधायकों से लेकर अन्य प्रतिष्ठित लोगों को वाट्सएप पर धमकियां भेजने वालों को चिह्नित करने में जांच एजेंसियों को कई तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिस प्रकार मैसेज भेजने वाले प्रॉक्सी आइपी एड्रेस से लेकर अन्य सावधानियां बरत रहे हैं, उससे साफ है कि आरोपित भी प्रोफेशन हैकर हैं और तकनीक की बारीकियों को बखूबी समझते हैं।

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विधायकों को निशाना बना रहे गिरोह ने अब तक तीन वर्चुअल नंबरों का प्रयोग कर विधायकों को धमकी भरे संदेश भेजने के साथ ही इंटरनेट कॉल कर धमकाया है। विशेषज्ञों के मुताबिक इंटरनेट पर इस्तेमाल होने वाले वर्चुअल नंबरों की आइडी आसानी से तस्दीक नहीं हो पाती। आरोपित इन नंबरों को कंप्यूटर के जरिये वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) कनेक्ट करके संदेश भेजने का काम कर रहे हैं। जिससे उनके आइपी एड्रेस पाकिस्तान, अमेरिका सहित अन्य देशों के दर्शा रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि इन नंबरों को आरोपितों ने इंटरनेट के जरिये बिटक्वाइन में पेमेंट कर खरीदा था। नंबर कनाडा की एक निजी कंपनी के जरिये खरीदे जाने की बात भी सामने आ रही है। हालांकि जांच एजेंसियां अभी वाट्सएप अधिकारियों से कुछ अहम सूचनाएं मिलने का इंतजार कर रही हैं, जिसके बाद ही जांच तेजी से आगे बढ़ सकेगी। 

अब तक 22 विधायकों को धमकी 

डीआइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि अब तक 22 विधायकों सहित कुछ अन्य लोगों को धमकी भरे संदेश भेजे जाने की बात सामने आई है। प्रकरण की जांच के लिए गठित एसआइटी लगातार केंद्रीय जांच एजेंसियों के संपर्क में है। उल्लेखनीय है कि विधायकों को धमकी दिए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। इससे कई विधायक बेहद सहमे हुए हैं और अपनी सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग भी की है। शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस इसे शरारत भी मान रही है, लेकिन मामला विधायकों व प्रतिष्ठित लोगों से जुड़ा देखकर शासन ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है। एसआइटी के प्रभारी आइजी एसटीएफ अमिताभ यश का कहना है कि पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच की जा रही है। केंद्रीय जांच एजेंसियों से कई अहम जानकारियां मांगी गई है। संदेश भेजने वाले भी तकनीक के जानकार हैं। जल्द पूरे मामले का अनावरण किया जाएगा। 

तनाव से बचने के लिए ब्लॉक करें नंबर 

विधायकों को धमकी दिए जाने के मामले में जांच एजेंसियां छानबीन में जुटी हैं। वहीं तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में जिन नंबर से संदेश आ रहे हों, उन्हें ब्लाक कर देना चाहिए। क्योंकि ऐसे नंबरों से धमकी देने अथवा शरारत करने वाले किसी भी देश में बैठे हो सकते हैं। नंबर ब्लाक करने पर उन्हें दूसरे नंबर का प्रयोग करना पड़ेगा।

विनोद कटियार को फिर मिली धमकी

गुरुवार को कानपुर देहात के भोगनीपुर से विधायक विनोद कटियार को फिर से उनके वाट्सएप पर धमकी भरा मैसेज आया है। विधायक ने बताया कि फिर से भेजे गए मैसेज में वीभत्स चित्र है। एक महिला की धारदार औजार से हत्या की गई है। खून से लतपथ शव पड़ा है। लिखा है कि आज किसी ने अपनी बहन खो दी है, जरा सोचो अगर यह आप के परिवार के साथ होता तो। विधायक ने बताया कि उन्हें अब घर से बाहर जाने में भी डर लग रहा है। इस मामले में हरदोई की गोपामऊ सीट से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने सरकार और अधिकारियों को घेरा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर संगठन का दबाव है। विधायक ही नहीं मुख्यमंत्री खुद परेशान हैं। हरदोई एसपी विपिन कुमार मिश्र पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें जब धमकी मिली तो एसपी को फोन कर परिवार की सुरक्षा की मांग रखी, लेकिन एसपी ने ठीक से बात तक नहीं की। जब सुरक्षा नहीं उपलब्ध कराई गई तो जान बचाने के लिए कार्यकर्ताओं के सहयोग से उन्होंने दस लाख की रंगदारी का इंतजाम कर लिया है। वह रंगदारी देने को तैयार हैं। हालांकि इस दौरान उनके निजी सुरक्षाकर्मियों ने असलहों का प्रदर्शन भी किया।


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