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बिट क्वॉइन से विदेश भेजते थे ठगी का रुपया, बेरोजगार इनका पसंदीदा शिकार Lucknow News

आरोपित क्रिस्टो करेंसी और बिट क्वाइॅन के जरिए विदेशों में ठगी के रुपये भेजते थे। आरोपितों के पास से अलग-अलग बैंकों के 16 एटीएम बरामद किए गए हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 07:05 PM (IST)
बिट क्वॉइन से विदेश भेजते थे ठगी का रुपया, बेरोजगार इनका पसंदीदा शिकार Lucknow News
बिट क्वॉइन से विदेश भेजते थे ठगी का रुपया, बेरोजगार इनका पसंदीदा शिकार Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। नौकरी का झांसा देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गिरोह के तीन लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपित क्रिस्टो करेंसी और बिट क्वाइॅन के जरिए विदेशों में ठगी के रुपये भेजते थे। आरोपितों क पास से अलग-अलग बैंकों के 16 एटीएम बरामद किए गए हैं।

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ऐसे बनाते थे ठगी का शिकार 

पकड़े गए आरोपितों में नेथुवा थाना मडौरा जनपद छपरा बिहार निवासी राकेश कुमार सिंह उर्फ ङ्क्षपटू, गोपालगंज बिहार निवासी बिट्टू यादव और प्रदीप देव शामिल हैं। पुलिस ने आरोपितों के पास से 21 हजार तीन सौ रुपये भी बरामद किए गए हैं। एसएसपी एसटीएफ राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक सोशल मीडिया पर विदेशों में नौकरी का विज्ञापन देकर लोगों से ठगी की जानकारी मिली थी। आरोपित विभिन्न बैंकों में खाते खोलकर लोगों से रुपये जमा करवाते थे। इसके लिए ठगों ने फर्जी जॉब पोर्टल बनाए थे। बेरोजगारों से रुपये लेने के बाद उसे बिट क्वॉइन के रूप में एजेंट के माध्यम से रुपये भिजवाते थे। एएसपी एसटीएफ सत्यसेन यादव ने बताया कि सूचना मिली कुशीनगर से गिरोह के तीन लोग राजधानी आ रहे हैं। कमता तिराहे से एसटीएफ ने तीनों को घेराबंदी कर दबोच लिया।

खुलवाते हैं फर्जी खाते भी

गिरोह के स्थानीय लोग विभिन्न बैंकों में फर्जी खाते खुलवाते हैं। इन्हीं खातों में नौकरी के नाम पर लोगों से मोटी रकम जमा कराई जाती है। फर्जी खाता खुलवाने वाले व्यक्ति को भी 12 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। पड़ताल में अधिकांश स्कैमर की लोकेशन कैमरून, यूरोप व यूएसए समेत अन्य देशों में मिली है। ठगों ने नौकरी के नाम पर आस्ट्रेलिया, दुबई व यूरोप के अन्य देशों के नागरिकों से भी ठगी की है।

लोगों को फंसा कर ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा

विदेश में नौकरी के इच्छुक लोगों को फर्जी जॉब पोर्टल चलाने वाले ठग (स्कैमर) गिरोह के स्थानीय सदस्यों (पिकर) से संपर्क कराते हैं। नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रुपये लिए जाते हैं, जिसे पिकर भारत के विभिन्न खातों में जमा कराते हैं। इसके बाद पिकर अपना कमीशन लेकर शेष राशि बिट क्वॉइन वेंडर को दे देता है, जो विदेश में बैठे स्कैमर को बिट क्वॉइन में रुपये भेज देता है। इसके लिए वेंडर भी अपना कमीशन लेता है।


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