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नगर निगम पर तीन अरब की देनदारी, विकास ठप

मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज शिकायतें नहीं हो पा रहीं निस्तारित।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 01:49 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 05:32 PM (IST)
नगर निगम पर तीन अरब की देनदारी, विकास ठप
नगर निगम पर तीन अरब की देनदारी, विकास ठप

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। नगर निगम की देनदारी अब तीन अरब पहुंच गई है। इस कारण शहर के विकास की गाड़ी पटरी से उतरती दिख रही है। देनदारी के बोझ से दबा नगर निगम अब रटा रटाया जवाब दे रहा है कि बजट होने पर ही सड़क नाली का निर्माण होगा। मुख्यमंत्री के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में भी यही जवाब भेजा जा रहा है। आर्थिक तंगहाली से गुजरने के लिए नगर निगम खजाना भरने में जुट गया है। हाउस टैक्स की वसूली में तेजी ला दी गई है। उस रकम को भी जमा कराया जा रहा है, जो वित्तीय वर्ष के अंतिम समय में जमा होता था। विकास न होने से पार्षद भी जनता का सामना करने से कतरा रहे हैं। पार्षद की वार्ड विकास निधि तो जारी हो गई है, लेकिन भुगतान की कोई संभावना न दिखने से ठेकेदार भी काम करने से हाथ खड़ा कर रहे हैं। इसी तरह मेयर की तरफ से आयोजित हो रहे लोकमंगल दिवस में पार्क, सड़क और नाली निर्माण बनाने की माग पूरी नहीं हो पा रही है। जोनल अभियंताओं ने ऐसे निर्माणों की सूची बनाकर नगर आयुक्त को भेज दी है, जिसमें कहा गया है कि अतिरिक्त बजट मिलने पर भी निर्माण कार्य संभव हो पाएगा। दरअसल नगर निगम पर यह देनदारी का बोझ वर्ष 2012 से चलता आ रहा है। भुगतान के बाद भी देनदारी इसलिए कम नहीं हो रही है, क्योंकि समय-समय पर देनदारी कम करने के बजाय अधिकारियों ने मनमाने तरह से तैयार हुई विकास की पत्रवलियों को मंजूरी दे दी थी। क्या कहती हैं मेयर?

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मेयर संयुक्ता भाटिया के मुताबिक, पुराने भुगतान लंबित हैं। वर्ष 2012 में कराए गए कायरें के भुगतान की माग अब हो रही है। देनदारी बढ़ने से विकास कार्य ठप है। वसूली तेज की जा रही है और सरकार से माग की गई है कि राज्य वित्त आयोग से मिलने वाली राशि में कटौती न की जाए, जिससे कर्मचारियों का वेतन भुगतान समय पर हो सके। इतनी है देनदारी :

- कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के अंतर की राशि : 963.54 लाख

- सेवानिवृत्त कर्मियों को अर्जित अवकाश : 417.43 लाख

- एसीपी : 298 लाख

- प्रोवीडेंट फंड : 710 लाख

- ग्रेच्युटी और पेंशन : 975 लाख

- बोनस (2016-17) : 153 लाख

- कोआपरेटिव सोसायटी : 23 करोड़ 1

- आयकर, वाणिज्यकर कटौती की राशि : 181 लाख

- विकास कार्य व मरम्मत पर : 22082.24 लाख


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