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अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लगाने की थी तैयारी, साइबर क्राइम सेल ने दबोचे तीन आरोपित

संचार सेवाओं को आर्थिक क्षति पहुंचाने की रची थी साजिश। साइबर क्राइम सेल और हजरतगंज पुलिस ने दबोचा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 09:32 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 09:32 PM (IST)
अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लगाने की थी तैयारी, साइबर क्राइम सेल ने दबोचे तीन आरोपित
अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लगाने की थी तैयारी, साइबर क्राइम सेल ने दबोचे तीन आरोपित

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लगाने की तैयारी कर रहे तीन लोगों को साइबर और हजरतगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। ये आरोपित इंटरनेशनल कॉल की दरों को चीन में बने सिम बॉक्स (कॉल राउटर) से कम दरों में उपलब्ध कराकर भारतीय संचार सेवाओं को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे थे।

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सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक, आरोपितों ने बताया कि उन्होंने चीन, फिलीपींस, श्रीलंका व नेपाल में यह काम किया था। मुखबिर की सूचना पर पता चला कि कुछ लोग बैग में मशीनें लेकर हजरतगंज क्षेत्र में किराए का कमरा तलाश रहे हैं। टीम ने घेराबंदी कर महाराष्ट्र के ठाणे स्थित सृष्टि हाउसिंग कांप्लेक्स निवासी सचिन राज आइसेक, गोपालापुर थाना धनतुलसी भदोही निवासी चंचल मिश्र और अतरसुइया मिर्जामुराद वाराणसी निवासी सुजीत सिंह को पकड़ लिया। गिरोह का मुख्य सरगना सचिनराज है। 

एमबीए है मुख्य आरोपित 

साइबर सेल में तैनात दारोगा राहुल राठौर ने बताया कि सचिनराज ने हैदराबाद से इंटरनेट की पढ़ाई की है, वह एमबीए पास है। आरोपित ने पूछताछ में कहा कि विदेशों में यह काम वैध है। वह सेटअप लगाकर अंतरराष्ट्रीय कॉल की दरों को कम कर देता था। इससे पहले वाराणसी में उसने एक साल पहले अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लगाया था। 

ऐसे करते हैं फर्जीवाड़ा 

साइबर सेल प्रभारी जुबेर अहमद ने बताया कि आरोपित सिम बॉक्स का इस्तेमाल कर दो लोगों को इंटरनेट के जरिए फोन पर बात कराते हैं। विदेश जाने वाले लोगों की मदद से वाउचर वहां भिजवाते हैं। वह वाउचर विदेशों में रहने वाले भारतीयों में बांट दिया जाता है। सऊदी में बैठे लोग गिरोह के एप्लिकेशन का प्रयोग कर इंटरनेट कॉलिंग के जरिए फोन करते हैं। वह कॉल अवैध एक्सचेंज पर आती है, जिसे सिम बॉक्स से रिसीवर को ट्रांसफर किया जाता है।

आतंकी संगठन करते हैं इस्तेमाल

इस अवैध एक्सचेंज से अंतर्राष्ट्रीय कॉल इंटरनेट के जरिए नेशनल गेटवे से न आकर सिम बॉक्स पर आती है। यह कॉल राउटर से लोकल कॉल में परिवर्तित होकर सीधे रिसीवर के फोन पर पहुंच जाती है। गेटवे के माध्यम से कॉल न आना देश की सुरक्षा में सेंध लगाने जैसा है। सूत्रों का कहना है कि इसका इस्तेमाल आतंकी करते हैं। नवंबर 2017 में कृष्णानगर पुलिस ने हजरतगंज में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया था।


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