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Big threat: वाट्सएप पर धमकी देने वालों के संदेश अब तक 24 विधायकों तक पहुंचे

वाट्सएप पर धमकी भरे संदेश भेजकर सत्ताधारी विधायकों सहित अन्य प्रतिष्ठित लोगों को निशाना बनाए जाने का सिलसिला थमा नहीं है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 07:16 PM (IST)
Big threat: वाट्सएप पर धमकी देने वालों के संदेश अब तक 24 विधायकों तक पहुंचे
Big threat: वाट्सएप पर धमकी देने वालों के संदेश अब तक 24 विधायकों तक पहुंचे

लखनऊ (जेएनएन)। वाट्सएप पर धमकी भरे संदेश भेजकर सत्ताधारी विधायकों सहित अन्य प्रतिष्ठित लोगों को निशाना बनाए जाने का सिलसिला थमा नहीं है। एक अन्य भाजपा विधायक को वाट्सएप पर धमकी भरे संदेश भेजे गए हैं। ताज्जुब तो यह है कि देश की जांच एजेंसियां अब तक षड्यंत्र करने वालों को चिह्नित नहीं कर सकी हैं। तकनीक के जरिये आरोपितों ने पुलिस के सामने ऐसी चुनौती खड़ी कर दी है, जिससे निपटने में उसे लंबा वक्त लग रहा है।

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देवरिया सदर के भाजपा विधायक जनमेजय सिंह को वाट्सएप पर धमकी भरे संदेश भेजकर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी गई है। विधायक जनमेजय सिंह ने शुक्रवार शाम लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज कराया। अब तक 24 से अधिक विधायकों सहित कुछ अन्य प्रतिष्ठित लोगों को धमकी भरे संदेश भेजे जाने की बात सामने आई है। प्रकरण की जांच के लिए गठित एसआइटी लगातार केंद्रीय जांच एजेंसियों के संपर्क में है, लेकिन वह अभी उन नंबरों की सटीक लोकेशन तक नहीं पहुंच सकी है, जिनसे मैसेज भेजे जा रहे हैं।

दरअसल, आरोपितों ने तीन दिनों में परिणाम भुगतने की धमकी दी थी, जिसके बाद से लगातार वैसे ही संदेश भेज रहे हैं।

संदेशों की भाषा भी एक जैसी ही है। इससे जांच एजेंसियां यही मान रही हैं कि शरारतन दहशत फैलाने के इरादे से ऐसा किया जा रहा है। बताया गया कि जांच एजेंसियां बिटक्वाइन के जरिये पेमेंट किए जाने की दिशा में भी जांच को आगे बढ़ा रही हैं। ताकि उनके हाथ आरोपितों की लोकेशन व आइपी एड्रेस का कोई सुराग लग सके। पाकिस्तान, अमेरिका सहित अन्य देशों के आइपी एड्रेस को लेकर भी छानबीन चल रही है। अब तक की जांच में एक बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि संदेश भेजने वाला शख्स साइबर एक्सपर्ट है और वह बखूबी जानता है कि उसकी कौन से गलती उसे भारी पड़ सकती है। यही वजह है कि वह लगातार तकनीक के सहारे पुलिस को चकमा देने में अब तक कामयाब है।

दूसरी ओर जांच एजेंसियां अब तक इस बात की भी तस्दीक नहीं कर सकी हैं कि मैसेज भेजने वाले अली बुधेश का नाम किन कारणों से इस्तेमाल कर रहे हैं। वास्तव में पूरे प्रकरण में डी-कंपनी के किसी गुर्गे की कोई भूमिका है अथवा यह छदम नाम भी किसी गहरी साजिश का हिस्सा है। एडीजी कानून-व्यवस्था आनन्द कुमार का कहना है कि अब तक की जांच से ऐसा ही लग रहा है कि शरारत दहशत फैलाने के इरादे से यह सब किया जा रहा है। आरोपितों को जल्द बेनकाब किया जाएगा।


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