टाइपिस्ट कृष्णकुमार को पहले चोट फिर मरहम और अब धमकी
दारोगा प्रदीप कुमार की अभद्रता के बाद से सुर्खियों में आ चुके बुजुर्ग टाइपिस्ट कृष्ण कुमार को आज धमकी मिली है। किसी ने उनको फोन करने के बाद गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है।
लखनऊ। जीपीओ पर जिस टाइपिस्ट कृष्ण कुमार को दारोगा ने जख्म पहुंचाए, उस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने मरहम लगा दिया। उन्हें नया टाइपराइटर दिया और समाजसेवियों ने उन्हें कुर्सी मेज व नकद धनराशि भी भेंट की, लेकिन दो दिन बाद सोमवार दोपहर में कृष्ण कुमार को परिणाम भुगतने की धमकी भी आ गई। मोबाइल फोन से मिली यह धमकी किसने और क्यूं दी इसका पता नहीं चल सका है। इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कृष्ण कुमार को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने उनकी पारिवारिक स्थिति के बारे में डीएम द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर यह राशि मंजूर की है।
सोमवार को कृष्ण कुमार से बात की गई तो उनका गुबार फूट पड़ा। बोले, मेरी क्या गलती थी। सुबह से लेकर रात तक फोन की घंटी बज रही है। सोमवार दोपहर करीब 12 बजे एक अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि जो आपने किया वो ठीक नहीं है। आपको गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। जब मैंने पूछा कि आप कौन बोल रहे हैं तो उसने फोन काट दिया। क्या करोगे मार डालो, मुझे और क्या कर सकते हो। बुजुर्ग कृष्ण कुमार की आंखों में भय था या गुस्सा यह समझना तो कठिन है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह बेहद परेशान हैं।
कृष्ण कुमार के मुताबिक कनाडा, अमेरिका, चंडीगढ़, गुजरात और न जाने कहां कहां से फोन कर लोग सहानुभूति जता रहे हैं। कुछ लोगों ने कृष्ण कुमार से एकाउंट नंबर मांगा तो किसी ने उनका पता पूछा। उलझन, संकोच तो कभी झल्लाहट में कृष्ण कुमार मोबाइल पर बातचीत के बीच में ही फोन काट दे रहे थे। हालांकि बार-बार फोन की घंटी बजने से उन्हें दोबारा कॉल अटेंड करनी पड़ रही थी।
कहां तक साथ देगी पुलिस
जीपीओ के पास जहां कृष्ण कुमार टाइपराइटर लेकर बैठते हैं, वहां सोमवार को पहले की अपेक्षा ज्यादा भीड़ थी। लोगों से कृष्ण कुमार ने धमकी की बात बताई तो उन्हें पुलिस से शिकायत करने की सलाह दी गई। यह सुनते ही कृष्ण कुमार के चेहरे के भाव बदल गए। वह बोले, पुलिस वाले ने ही तो दुव्र्यवहार किया है और अब मदद किससे मांगूं। हालांकि थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा, सब पुलिसवाले एक जैसे नहीं होते। दारोगा ने जो किया सो किया, लेकिन एसएसपी साहब मुझे टाइपराइटर देकर गए। वैसे भी पुलिस मेरी कहां तक मदद करेगी। घर से अकेला आता जाता हूं।
मेरी तरह सबको न्याय मिले
कृष्ण कुमार पुलिस की कार्यशैली से बेहद आहत हैं। बकौल कृष्णकुमार, मेरे साथ जो हुआ वह रोज ही अनेक लोगों के साथ होता है। मेरा साथ मीडिया ने दिया तो सरकार व पुलिस भी मददगार बन गई, लेकिन अन्य पीडि़तों की सुनने वाला कोई नहीं है।