LDA की फाइलों में फंसी हजारों आवंटियों की गाढ़ी कमाई
सात दिन में रिफंड करने का नियम हो रहा दरकिनार। देर से रिफंड होने पर एलडीए नहीं देता ब्याज मगर बैंक जमा आवंटियों के धन से लेता है ब्याज।
लखनऊ, जेएनएन। एलडीए की फाइलों में हजारों आवंटियों की गाढ़ी कमाई फंसी हुई है। रिफंड लेने के आवेदन जिनके लिए अधिकतम सात दिन का समय है, मगर एलडीए से तीन से चार महीने तक में आवंटियों की धन वापसी नहीं हो रही है। मजे की बात ये है कि प्राधिकरण को तो इस जमा धन पर ब्याज मिलता है, मगर आवंटी को अधिक समय होने के बावजूद कोई ब्याज नहीं दिया जाता है। ऐसे सैकड़ों आवंटी अपने जमा धन के इंतजार में हैं।
सीतापुर के रहने वाले गोवर्धन शुक्ल बताते हैं कि सृष्टि अपार्टमेंट योजना में उन्होंने अपने फ्लैट की बुकिंग कराई थी। उन्होंने आवंटन निरस्त कर पंजीकरण राशि जमा करने का आवेदन प्राधिकरण में करीब चार महीने पहले किया था, मगर अब तक उनको धन वापसी नहीं की गई है। उनका एक लाख रुपये से अधिक प्राधिकरण के खाते में जमा हो चुका है। इसी तरह कई लोगों का धन प्राधिकरण में जमा है।
10 साल बाद रिफंड पर भी ब्याज नहीं
एलडीए की खुद की गलती क्यों न हो 10 साल बाद भी धन रिफंड करे तो ब्याज नहीं देता है। गर अपने पास जमा धन पर लगातार बैंक से ब्याज पाता है। इससे प्राधिकरण का खजाना बढ़ता है और आवंटी के हाथ कुछ नहीं आता है।
क्या कहते हैं अफसर ?
लविप्रा प्रभु एन सिंह उपाध्यक्ष के मुताबिक, एलडीए में आवंटियों का रिफंड तत्काल किया जाए, इसके सभी संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। कुछ तकनीकी कमियों की वजह से कुछ आवंटियों के रिफंड फंसे हो सकते हैं। हम सभी रिफंड तत्काल करवाने के आदेश कर रहे हैं।