प्रमुख सचिव के फ्लैट में चोरी मामला: 30 कैमरे, 11 गार्ड फिर भी पुलिस खाली हाथ
सीएसआइ टॉवर में आइएएस राजन शुक्ला के फ्लैट में चोरी का मामला। 1600 घंटे की फुटेज खंगाल रही पुलिस, नौकरों से पूछताछ। बिना लाठी और हथियार के सुरक्षा में तैनात हैं निजी गार्ड।
लखनऊ(जेएनएन)। प्रमुख सचिव राजनीतिक पेंशन विभाग राजन शुक्ला के फ्लैट में चोरी के मामले में दो दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। सीएसआइ टॉवर में कुल 30 कैमरे लगे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यहां 11 गार्ड भी तैनात हैं।
घटना के 36 घंटे बाद बुधवार को सीओ चक्रेश मिश्र के नेतृत्व में पुलिस टीम ने 30 कैमरे खंगाले। पुलिस का कहना है कि प्रमुख सचिव शनिवार दोपहर करीब 12 बजे निकले थे। ऐसे में उनके निकलने के बाद से सोमवार रात 12 बजे तक की फुटेज देखी जा रही है। 30 कैमरों से 60 घंटे की फुटेज कुल 1800 घंटे की है। अब पुलिस टीम सभी कैमरों की फुटेज देखने में जुटी है। यहां रहने वाले अधिकारियों के कुछ नौकरों से पूछताछ की गई है। सर्विलांस के आधार पर संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी जुटाई गई है।
100 अधिकारियों के परिवार की निगरानी भगवान भरोसा
सीएसआइ टॉवर के ए ब्लॉक में 50 पीसीएस और बी ब्लॉक में तकरीबन 50 आइएएस अधिकारियों का परिवार रहता है। सुरक्षा में निजी कंपनी ओमेक्स के सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इनके पास न तो डंडा है और न ही असलहे दिए गए हैं। तीन शिफ्ट में कुल 11 गार्ड सुबह छह से दोपहर दो बजे तक, दोपहर दो बजे से रात 10 बजे तक और फिर रात 10 बजे से सुबह के छह बजे तक ड्यूटी करते हैं। रात के समय सिर्फ तीन सुरक्षाकर्मी ही तैनात रहते हैं।
पीछे की दीवार भी सुरक्षित नहीं
निजी सुरक्षा कर्मी के सुपरवाइजर लाला चंद ने बताया कि वह करीब 10 साल से सीएसआइ टॉवर की सुरक्षा में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि टॉवर के पीछे की दीवार ज्यादा ऊंची नहीं है। सुरक्षाकर्मियों ने दीवार के सहारे भी चोरों के भीतर दाखिल होने की आशंका जाहिर की है।
ग्राउंड फ्लोर तक सिमटे कैमरे
सीएसआइ टॉवर में लगे सभी कैमरे परिसर और ग्राउंड फ्लोर तक ही सीमित हैं। लिफ्ट व सीढिय़ों के रास्ते आने जाने वाले लोग ही इसमें कैद होते हैं। आइएएस राजन शुकला के फ्लैट में भी कैमरा लगा था, जो दरवाजे के ऊपर था। चोर ने कैमरे में कैद होने की वजह से उसकी दिशा भी बदल दी थी। हालांकि वह कैमरा खराब मिला।
शनिवार को 32 आगंतुक, बुधवार को 100 पार
चोरी की घटना के बाद से निजी सुरक्षाकर्मी भी बुधवार को अलर्ट नजर आए। आइएएस शनिवार को घर से बाहर गए थे, उस दिन मुख्य गेट पर रजिस्टर में सिर्फ 32 लोगों के आने की सूचना दर्ज है। हालांकि इस घटना के बाद बुधवार को दोपहर तक ही यह आंकड़ा 82 के पार पहुंच गया। देर शाम तक 100 से अधिक लोगों के नाम की सूची रजिस्टर में दर्ज की गई। ऐसे में सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही भी सामने आ रही है।