संपा : रंगमंच, बैंड व कॉमेडी संग रेपर्टवा का समापन
-संगीत नाटक अकादमी में आयोजित फेस्टिवल में आखिरी दिन लगा दर्शकों का जमावड़ा -कुमुद मि
- संगीत नाटक अकादमी में आयोजित फेस्टिवल में आखिरी दिन लगा दर्शकों का जमावड़ा
- कुमुद मिश्रा के नाटक धूम्रपान ने जीता दर्शकों का दिल, मिली सराहना
जागरण संवाददाता, लखनऊ: रंगमंच, बैंड व कॉमेडी के समागम रेपर्टवा फेस्टिवल सीजन आठ का समापन रविवार को हो गया। अंतिम दिन कुमुद मिश्रा के नाटक धूम्रपान ने लोगों को प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी व अधिकारी के रिश्ते को दर्शाया। सात दिन से चल रहे शहर के सबसे बड़े फेस्ट के अंतिम दिन इंडियन ओशियन बैंड के कलाकारों व जाने माने एक्टर कुमुद मिश्रा ने मीट द कास्ट सेशन में अपने अनुभव साझा किए। लेखक यतींद्र मिश्रा के सवालों का जवाब देते हुए कलाकारों ने अपने अनुभव बताए।
नाटक में दिखाया गया कि एक निजी कंपनी में काम करने वाले लोग किस तरह की परेशानियों से गुजरते हैं। हर वक्त नौकरी जाने खतरा और बॉस की डांट से सहमे कर्मचारी अपनी जिंदगी सिगरेट के धुंए में उतारते चले जा रहे हैं। नाटक की शुरुआत की कंपनी के स्मोकिंग रूम से होती है जहां एक कर्मचारी नितेश, एकनाथ, शुभन अपने जीवन की समस्याओं को साझा करते हैं। घर की जिम्मेदारियों तले दबे कर्मचारी रोज बॉस की डांस खाते हैं, फिर स्मोकिंग रूम में भड़ास निकालते हैं। वहीं कंपनी में टेक्निकल डिपार्टमेंट के ओयन आता है, गुस्सा करता है कि किसी में कंप्यूटर में पेनड्राइव लगा दी, जिससे कंपनी के सिस्टम में वायरस आ गया है। पेनड्राइव एकनाथ की थी, जिसमें उसके बच्चों की फोटो थी। कणाल के ओयन को समझाने पर वह बॉस से शिकायत नहीं करता। कुछ दिनों बाद यह बात बॉस को पता चलती है, बॉस एकनाथ को निकाल देता है। ऐसे में ओयन कंपनी के एकाउंट हैक कर लेता है, और उसका पैसा साथियों में बांट देता है। तब कुनाल बॉस से मिलता है, और कंपनी इस हालत के लिए बॉस को जिम्मेदार ठहराता है। इसी दौरान यह पता चलता है कि कुनाल बॉस का बेटा है, जिसको पिता नकारा समझते हैं। नाटक कुमुद मिश्रा बॉस के किरदार निभाया। वहीं शुभ्राज्योति, सिद्धार्थ कुमार, धनश्याम लालसा, सार्थक कक्कर, सौरभ नायर, अभिषेक, तारुक व प्रियंका ने भी शानदार अभिनय किया। अधीर भट्ट लिखित नाटक का निर्देशन आकर्ष खुराना ने किया।
इंडियन ओशियन बैंड शाम को किया रंगीन
रेपर्टवा फेस्टिवल के अंतिम दिन इंडियन ओशियन बैंड के कलाकारों ने अपनी धुनें बजाई। बैंड ने अकादमी के लॉन में सभी का दिल जीत लिया। जैसे ही कलाकारों ने स्टेज पर प्रस्तुति शुरू की लोगों ने शोर से उनका स्वागत किया गया। कलाकारों ने फ्यूजन, रॉक जैज व इंडियन संगीत पेश कर शाम को रंगीन कर दिया।
वरुण ने दर्शकों को खूब हंसाया
रेपर्टवा के कॉमेडी फेस्ट में ऐसी की तैसी डेमोक्रेसी के कलाकारों ने लोगों का खूब हंसाया। सरकार की आलोचना से लेकर समाज की हिप्पोक्रेसी पर हास्य व्यंग्य पेश किए। नोटबंदी, इतिहास से छेड़छाड़, पद्मावती समेत कई मुददों पर अपने चुटकलों सुनाए।
लोगों को रिपीटेशन पंसद है: वरुण ग्रोवर
वरुण ग्रोवर ने कहा कि लोग चाहते है कि जो लिखा जा चुका है उसी को फिर से लिखे। कुछ अंदाज अलग हो या फिर अंदाज ए बयां जरूर अलग हो। शैलेंद्र व साहिर से प्रभावित वरूण ने कई ¨हदी फिल्मों के गीत लिखे हैं। वह कहते हैं कि जॉन एलिया को फिल्मों में लाऊंगा। अपने लिखने के सफर के बारे में कहा कि मैं पहले कविता अपनी प्रेमिका जो अब पत्नी है उसको इंप्रेस करने के लिए लिखता था।
इंडियन संगीत सबसे अच्छा: राहुल राम
इंडियन ओशियन बैंड के सदस्य राहुल राम ने बताया कि हमारे रिदम और मैलोडीज स्ट्रेक्चर में इंडियन ज्यादा है। क्लासिकल म्यूजिक सब कुछ है उसके बाहर कुछ नहीं। मैं इस बैंड का सबसे पुराना सदस्य हूं। म्यूजिशियन के पास कुछ नहीं होता है उसके पास न पेंशन मिलती है और न ही पीएफ। बैंड संस्थापक ओशियन की डेथ के बाद कुछ समय के लिए लगा कि अब खत्म करते है, लेकिन फिर से ग्रुप बना कर कार्यक्रम कर रहे हैं।