पूर्व मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश चंद्र पांडेय की मौत का रहस्य बरकरार
बैकुंठ धाम पर हुआ शव का अंतिम संस्कार, बड़े बेटे ने दी मुखाग्नित। अंतिम संस्कार में पहुंचे कई जज और हजारों की संख्या में अधिवक्ता। परिवारीजनों ने साधी चुप्पी, कुछ भी बोलने से किया इन्कार।
लखनऊ, (जेएनएन)। पूर्व मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश चंद्र पांडेय की बुधवार को बैकुंठधाम में अंत्येष्टि की गई। मुखाग्नि बड़े बेटे यश ने दी। परिवार के लोगों के अलावा बड़ी संख्या में जज व अधिवक्ता भी शामिल हुए। इस बीच हत्या या आत्महत्या का रहस्य बना हुआ है। मंगलवार को परिवार के सदस्यों ने हत्या की आशंका जताई थी लेकिन अभी तक पुलिस से कोई औपचारिक शिकायत नहीं की गई है।
बुधवार दोपहर बाद गोमतीनगर स्थित आवास से शवयात्रा शुरू होते ही स्वर्गीय रमेश पांडेय की पत्नी अल्पिका गश खाकर गिर पड़ीं। हालत बिगड़ती देख बेटे यश और देवर प्रियंक पांडेय ने उन्हें उठाकर शांत कराने का प्रयास किया। कुछ देर बाद शव बैकुंठ धाम पहुंचा। यहां अंतिम विदाई देने सीनियर जस्टिस अजय लाम्बा, जस्टिस सहबुल हसनैन, देवेंद्र उपाध्याय, राजन राय, इरशाद अली, विवेक चौधरी व अन्य न्यायिक अधिकारी पहुंचे। अधिवक्ताओं का भी हुजूम उमड़ पड़ा। रमेश पांडेय के जूनियर पंकज शुक्ला व अन्य अधिवक्ताओं में इस बात की चर्चा रही कि रमेश कभी आत्महत्या कर ही नहीं सकते।
सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्रा ने बताया कि पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। अभी तक रमेश पांडेय के परिवारीजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है और न ही जांच की मांग करते हुए कोई प्रार्थना पत्र दिया है। इस दौरान एल्डर कमेटी के चेयरमैन एसके कालिया, अधिवक्ता आरसी तिवारी, अधिवक्ता मयंक पांडेय, समाजसेवी आशीष अवस्थी मौजूद रहे।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने फुटेज देने से किया इन्कार
सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्रा ने बताया कि घटनास्थल की फुटेज को रिकवर करने के लिए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को लिखित में प्रार्थनापत्र दिया गया था। पर उन्होंने कहा कि पहले मामले की रिपोर्ट दर्ज हो तब फुटेज दी जाएगी। बिना एफआइआर के परिसर के सीसी कैमरे की फुटेज नहीं दी जा सकती है।
पद से त्यागपत्र देने के बाद से तनाव में चल रहे थे रमेश
अवध बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता डॉ. एलपी मिश्रा एवं पूर्व बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के चेयरमैन परेश मिश्रा ने बताया कि चीफ स्टैंडिंग काउंसिल के पद से त्यागपत्र देने के बाद से रमेश पांडेय तनाव में चल रहे थे। तनाव के कारण ही उन्होंने आत्महत्या की है। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि वह किस तनाव में थे और किस कारण से उन्होंने आत्महत्या की है।