अतीेक की दूसरी पीढ़ी भी CBI के फंदे में, बेटे उमर की अगुआई में मोहित पर हुआ था जोर-जुल्म
गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की दूसरी पीढ़ी भी सीबीआइ के फंदे में फंस गई है।
लखनऊ, जेएनएन। गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की दूसरी पीढ़ी भी सीबीआइ के फंदे में फंस गई है। सीबीआइ ने बुधवार को अतीक अहमद, उनके पुत्र उमर अहमद समेत ज्ञात-अज्ञात करीब डेढ़ दर्जन गुर्गों पर मुकदमा दर्ज कर एक और फाइल खोल दी है।
लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल को पिछले वर्ष 26 दिसंबर को अपहृत कर देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई करने और उनकी कंपनी का शेयर ट्रांसफर करवाने की कोशिश की गई थी। तब अतीक अहमद देवरिया जेल में बंद थे। जेल में उमर और गुर्गों ने मोहित जायसवाल को डरा-धमका और जेल के बाहर हत्या करने की धमकी देकर सादे पन्नों पर हस्ताक्षर कराए। इसके पहले भी प्रयागराज जिले के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में अतीक और उनके परिवारीजन के खिलाफ सीबीआइ जांच चल रही है। राजू पाल की हत्या में अतीक और उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ आरोपित हैं।
पुलिस ने अभी तक उमर के खिलाफ नहीं दाखिल किया था आरोप पत्र
मोहित जायसवाल की शिकायत पर इस मामले में 28 दिसंबर, 2018 को कृष्णानगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने अतीक अहमद, फर्रुख, जकी अहमद, जफरउल्लाह और गुलाब सरवर समेत आठ के खिलाफ विवेचना के बाद आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया लेकिन, अभी तक उमर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया। पुलिस की दलील थी कि विवेचना के बाद ही उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होगा। मोहित का दावा है कि उमर की मौजूदगी में उसका जबर्दस्त मानसिक-शारीरिक उत्पीड़न किया गया। अब सीबीआइ इसकी पड़ताल करेगी। वैसे भी अतीक के काले कारोबार के साम्राज्य की डोर उमर ने संभाल रखी है। वह उनकी सियासी पूंजी सहेजने में भी सक्रिय है।
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से अतीक की बदली जेल
अतीक अहमद और उसके गुर्गों की जेल के अंदर गुंडई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट के निर्देश पर अतीक अहमद को देवरिया जेल से नैनी जेल भेजा गया। बाद में कोर्ट के हस्तक्षेप से ही अतीक को नैनी जेल से गुजरात के अहमदाबाद जेल भेजा गया है।
देवरिया जेल के मुकदमे को भी टेकओवर करेगी सीबीआइ
देवरिया जेल में कारोबारी की पिटाई के मामले में जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी की तहरीर पर पांच मई को पूर्व जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय, पूर्व जेलर मुकेश कटियार, पूर्व डिप्टी जेलर देवनाथ यादव, पूर्व हेड वार्डर मुन्ना पांडेय और राकेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। संकेत हैं कि सीबीआइ इस मुकदमे को भी टेकओवर कर जेल के पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी। जेलकर्मियों को शासन ने पहले ही निलंबित कर दिया है।
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