सुगम होगी अयोध्या से नंदीग्राम की राह, भगवान राम ने काटा था वनवास; जानिए इसका आध्यात्मिक महत्व
रामनगरी से भरत की तपोस्थली तक का मार्ग नए सिरे से संवारा जाएगा। विद्याकुंड से नंदीग्राम तक 16.5 किमी.सड़क का निर्माण होगा। विद्याकुंड से दर्शननगर तक दस मीटर व दर्शननगर से भरतकुंड तक सात मीटर चौड़ा मार्ग बनेगा।
अयोध्या, जेएनएन। रामनगरी से भरत की तपोस्थली तक का मार्ग नए सिरे से संवारा जाएगा। विद्याकुंड से नंदीग्राम तक 16.5 किमी.सड़क का निर्माण होगा। भरतकुंड अयोध्या 16 किमी दूर सुलतानपुर रोड पर स्थित है। विद्याकुंड से दर्शननगर तक दस मीटर व दर्शननगर से भरतकुंड तक सात मीटर चौड़ा बनेगा। इसकी लागत करीब 53 करोड़ रुपये आएगी। भरतकुंड की दो किलोमीटर की आंतरिक सड़कों को भी संवारने की योजना बनाई गई है। सांसद लल्लू सिंह के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने यह मार्ग बनाने की स्वीकृति दी है। उम्मीद है कि जल्द शिलान्यास किया जाएगा।
अयोध्या से यह मार्ग विद्याकुंड, अचारी सगरा, इटौरा चौराहा होते हुए भरतकुंड तक जाता है। मौजूदा समय में यह सड़क सिर्फ तीन मीटर ही चौड़ी है। इसके निर्माण से अयोध्यावासियों को नंदीग्राम तक जाने का वैकल्पिक रास्ता भी मिल जाएगा। रास्ते में पडऩे वाली बाजारों में लाइटिंग भी की जाएगी। इसके साथ ही सड़क के दोनों ओर भी लाइटिंग होगी।
जानिए नंदीग्राम का महत्व
नंदीग्राम ही वह स्थान है, जहां भगवान राम के वनवास के दौरान भरत ने 14 वर्ष तक अयोध्या का शासन चलाया था। वनवास से वापस आने पर भगवान राम ने इसी स्थान पर भरत से भेंट की थी। यहीं पर कुंड भी है, जहां भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध भी किया था। मार्ग के बनने से रास्ते में पडऩे वाले गांवों के लोगों का आवागमन भी सुगम होगा। सांसद लल्लू सिंह ने कहाकि अयोध्या के चहुंमुखी विकास के लिए संकल्पित होकर कार्य किया जा रहा है।
राममंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों को मिली सरकारी सौगात
राममंदिर निर्माण श्रमिकों को सरकारी सहायता की सौगात मिली है। श्रम विभाग व निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो की संयुक्त मुहिम के तहत 117 श्रमिकों के खातों में तीन-तीन हजार रुपये चिकित्सा सहायता के मद में हस्तगत किए गए हैं। लाभ पाने वाले श्रमिकों में लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, देवरिया, अंबेडकरनगर, गौतमबुद्ध नगर व अन्य जिलों के हैं।
उपश्रमायुक्त अनुराग मिश्र ने बताया कि निर्माण कंपनी ने भवन एवं सन्निकट निर्माण कर्मकार बोर्ड के तहत श्रमिकों का पंजीयन कराया है। लाभ पाने वाले सभी श्रमिक पंजीकृत है। इन श्रमिकों को कई अन्य भी लाभ पाने के पात्र हैं। पंजीकृत श्रमिकों को बेटी के विवाह के लिए 55 हजार रुपये, शिशु पैदा होने पर 25 हजार रुपये तथा मातृत्व लाभ के तौर पर करीब 30 हजार रुपये देने की व्यवस्था है। पंजीकृत श्रमिकों का यह लाभ पाने के लिए आवेदन पत्र देना जरूरी है।