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टीईटी 2017 का रिजल्ट आज, शनिवार से वेबसाइट पर देखें रिजल्ट

सचिव डा. सुत्ता सिंह के अनुसार शुक्रवार को सिर्फ परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण व अनुत्तीर्ण की विज्ञप्ति जारी करेंगी। अभ्यर्थी शनिवार से वेबसाइट पर रिजल्ट देख सकेंगे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 02:04 PM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 02:04 PM (IST)
टीईटी 2017 का रिजल्ट आज, शनिवार से वेबसाइट पर देखें रिजल्ट
टीईटी 2017 का रिजल्ट आज, शनिवार से वेबसाइट पर देखें रिजल्ट

इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2017 का परिणाम शुक्रवार को जारी हो रहा है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सचिव डा. सुत्ता सिंह शुक्रवार को सिर्फ परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण व अनुत्तीर्ण की विज्ञप्ति जारी करेंगी। अभ्यर्थी शनिवार से वेबसाइट पर रिजल्ट देख सकेंगे।
यूपी टीईटी 2017 की परीक्षा बीते 15 अक्टूबर को प्रदेश भर के परीक्षा केंद्रों पर हुई थी। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक की परीक्षा में करीब नौ लाख से अधिक अभ्यर्थी हैं। उनका परिणाम बीते 30 नवंबर तक जारी होना था, लेकिन उत्तरकुंजी को लेकर विवाद होने पर 15 दिन का विलंब हुआ है। असल में परीक्षा के तीसरे दिन ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने उत्तरकुंजी जारी करके आपत्तियां मांगी थी। बड़े पैमाने पर आपत्तियां आने पर सिर्फ एक प्रश्न में ही बदलाव हुआ था।

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इसके विरोध में अभ्यर्थियों ने एक दर्जन से अधिक प्रश्नों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। साथ ही एक प्रश्न का रिजल्ट गुपचुप बदला गया था। दूसरे संशोधन में परीक्षा नियामक कार्यालय ने बदला परिणाम दुरुस्त कर दिया साथ ही अन्य प्रश्नों को दूसरे विशेषज्ञों के पास भेजा। इसके लिए तीन बार उत्तरकुंजी जारी करनी पड़ी है। यह प्रकरण अब भी कोर्ट में चल रहा है। उत्तरकुंजी के विवाद को लेकर रिजल्ट अटक गया। कई दिनों की कवायद अब परिणाम जारी करने की सहमति बनी है।
सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि शासन से अनुमति मिलने के बाद ही 15 दिसंबर को रिजल्ट घोषित करने का एलान किया था। शुक्रवार को परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की विज्ञप्ति जारी करके बताया जाएगा कि रिजल्ट क्या रहा, जबकि अभ्यर्थी शनिवार से वेबसाइट पर परिणाम देख सकेंगे। सूत्रों की मानें तो इस बार भी रिजल्ट में उत्तीर्ण प्रतिशत कम आने के आसार हैं। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष का परिणाम महज 11 फीसद रहा है। शासन ने यह परीक्षा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शिक्षामित्रों को ध्यान में रखकर कराई थी। कोर्ट ने शिक्षामित्रों को दो अवसर देने का निर्देश दिया था। 


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