वो जो हममे तुममे करार था..
लखनऊ जेएनएन। बेगम अख्तर की पुण्य तिथि पर शुक्रवार को उप्र संगीत नाटक अकादमी द्वारा वाल्मीकि
लखनऊ, जेएनएन। बेगम अख्तर की पुण्य तिथि पर शुक्रवार को उप्र संगीत नाटक अकादमी द्वारा वाल्मीकि रंगशाला में सालाना कार्यक्रम ' यादें ' में बनारस घराने की उपशास्त्रीय गायिका सुचरिता गुप्ता के गायन का आयोजन किया गया। उनकी स्मृति में अकादमी अभिलेखागार में संकलित बेगम अख्तर की रिकॉर्डिग को यूट्यूब पर भी जारी किया गया। मुख्य सचिव देवेंद्र चौधरी व भारतेंदु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रविशंकर खरे का स्वागत अकादमी के सचिव तरुण राज ने किया।
बनारस घराने की ठुमरी, टप्पा, होरी, कजरी, चैती आदि के गायन में सिद्धहस्त सुचरिता गुप्ता ने शुरुआत पूरब अंग की मिश्र पीलू राग में निबद्ध ठुमरी- मोरी बारी उमर बित जाये सैंया कइसे धीर धरूं.. से की। सुचरिता गुप्ता ने मोमिन की प्रसिद्ध रचना- वो जो हममे तुममे करार था.. को अपने सुरों से सजाया। इसके बाद बेगम की गाई और शकील बदायुंनी की रची एक और मशहूर गजल- ए मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया... को पुरकशिश आवाज में पेश किया। दाग देहलवी की लिखी अगली रचना- अभी हमारी मुहब्बत किसी को क्या मालूम.. में उन्होंने सुरों से मुहब्बत के अलग रंग भरे। सुचरिता की गाई जावेद कुरैशी की गजल- आशियाने की बात करते हो, दिल जलाने की बात करते हो.. के एक और उम्दा शेर- सारी दुनिया के रंज-ओ-गम दे कर मुस्कुराने की बात करते हो को खूब सराहना मिली। कार्यक्रम का समापन सुदर्शन फाकिर की लिखी राग भैरवी में बंधी बेगम अख्तर की सुप्रसिद्ध ठुमरी- हमरी अटरिया पे.. से किया। हारमोनियम पर अरुण अस्थाना और तबले पर ज्ञान स्वरूप मुखर्जी ने साथ निभाया।