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यूपी में कुछ कम मेहरबान रहा इस बार मानसून, सामान्य के मुकाबले 22.5 फीसद कम हुई बारिश

उत्तर प्रदेश में सामान्य के मुकाबले इस बार कम हुई बारिश इस 22.5 फीसद कम हुई बारिश दो-तीन दिन में विदा हो जाएगा मानसून। दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी की उल्टी गिनती शुरू गत दो वर्षों के मुकाबले कम रही बारिश।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 06:11 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 11:34 AM (IST)
यूपी में कुछ कम मेहरबान रहा इस बार मानसून, सामान्य के मुकाबले 22.5 फीसद कम हुई बारिश
उत्तर प्रदेश में सामान्य के मुकाबले इस बार कम हुई बारिश, इस 22.5 फीसद कम हुई बारिश।

लखनऊ (रूमा सिन्हा)। पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड,मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान में झूमती बरसने वाले मानसूनी बादल उत्तर प्रदेश से रूठे रहे। दक्षिण पश्चिम मानसून अगले दो-तीन दिन में विदा हो जाएगा। लेकिन अगर इस वर्ष के मॉनसून के गणित पर नजर डालें तो कृषि के नजरिए से अत्यंत महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में सामान्य बारिश का पूर्वानुमान फिलहाल गलत साबित हुआ। प्रदेश में सामान्य के मुकाबले लगभग  22.5  फीसद कम बारिश रिकॉर्ड की गई जो बीते दो वर्षों के मुकाबले कम रही।  

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 जिलेवार बारिश का आंकड़ा देखें तो 37 फीसद यानी 75 जिलों में से 28  में ही सामान्य अथवा अधिक वर्षा दर्ज  हुई। भारतीय मौसम विभाग के साप्ताहिक आंकड़े दर्शाते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हालात काफी खराब रहे, जहां मानसून की शुरुआत के पहले सप्ताह 28 मई से 3 जून के मध्य तो जमकर बारिश हुई, लेकिन उसके बाद 23 सितंबर तक के 16 सप्ताह के सफर में मात्र चार हफ्ते ही सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि नौ हफ्तों में सामान्य के मुकाबले 40 से 80 प्रतिशत तथा तीन सप्ताह में तो 40 फीसद से भी कम बारिश दर्ज हुई।  

उधर, पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थिति अपेक्षाकृत कुछ बेहतर रही जहां शुरुआती छह हफ्ते यानी 28 मई से आठ जुलाई तक तो सामान्य से अधिक बारिश हुई, परंतु नौ जुलाई से 23 सितंबर के 11 हफ्तों के दरम्यान छह हफ्तों में 40 से 80 फीसद तथा तीन हफ्तों में 40 फीसद से कम वर्षा रिकॉर्ड की गई। केवल दो सप्ताह ही सामान्य बारिश हुई। खास बात यह रही कि 23 से 29 सितंबर तक लगभग पूरे प्रदेश में कहीं भी बारिश रिकॉर्ड नहीं की गई, जबकि 30 सितंबर तक प्रदेश में मानसून की विदाई हो जाती है।

राजधानी सहित डेढ़ दर्जन जिलों 40 से 60 फीसद बारिश

राजधानी लखनऊ सहित डेढ़ दर्जन जिले पीलीभीत,जालौन, आगरा, बदायूं, हाथरस,चंदौली, फर्रुखाबाद, औरैया,रायबरेली,संभल,बागपत, शामली, शाहजहांपुर, अमरोहा, उन्नाव, हरदोई,महोबा में सामान्य के मुकाबले काफी कम यानी 40 से 60 फीसद बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं दूसरी ओर रामपुर, बुलंदशहर,कानपुर देहात, मथुरा,कौशांबी, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर ऐसे सात जिले हैं जहां बारिश का टोटा रहा। यहां सामान्य के मुकाबले मात्र 40 फीसद बारिश ही हुई।

केवल छह जिलों में झूम के बरसे बदरा

इस मानसून में प्रदेश के केवल छह जिलों में सामान्य के मुकाबले काफी अधिक लगभग 120 फीसद बारिश हुई। इनमें बस्ती, अंबेडकरनगर, चित्रकूट, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, बाराबंकी शामिल हैं। वहीं सूबे के 22 जिले ऐसे रहे जहां सामान्य के मुकाबले 80 से 120 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड की गई। यह जिले सुल्तानपुर, देवरिया, बलरामपुर, संत कबीर नगर,बलिया, भदोही, आजमगढ़, बहराइच,प्रतापगढ़,लखीमपुर खीरी, महाराजगंज,वाराणसी, श्रावस्ती, सहारनपुर,मुजफ्फरनगर, बिजनौर, गोंडा, बांदा, हमीरपुर, अयोध्या,प्रयागराज व कन्नौज हैं। वहीं दूसरी ओर इतने ही जिले ऐसे हैं जहां 60 से 80 फीसद ही बारिश रिकॉर्ड की गई। इनमें कानपुर नगर, मिर्जापुर, मुरादाबाद,गाजीपुर, सोनभद्र,कुशीनगर, ललितपुर,अमेठी, फिरोजाबाद, बरेली,सीतापुर, मऊ,इटावा, हापुड़,एटा, मेरठ, झांसी, कासगंज, फतेहपुर, जौनपुर, मैनपुरी और अलीगढ़ शामिल हैं।


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