देश में कैश की किल्लत बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश का संकेत : अखिलेश
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कैश की किल्लत पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि एटीएम में नोट न होना किसी बड़ी साजिश का संकेत है।
लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैश की किल्लत पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि एटीएम में नोट न होना किसी बड़ी साजिश का संकेत है। यह आशंका भी जताई कि कहीं केंद्र के इशारे पर नोटों की जमाखोरी तो नहीं हो रही है? अगर नोटों की जमाखोरी हो रही है तो सरकार क्या कर रही है?
पार्टी मुख्यालय पर बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि कैशलेस अर्थव्यवस्था की वकालत करने वाली केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि नोट छपवाने का कागज विदेश से मंगाया जाता है। जब पर्याप्त संख्या में नोट छपे तो वह गायब कहां हो गए। यह अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र भी हो सकता है। पिछले साल नोटबंदी से किसानों और गरीबों का बहुत नुकसान हुआ। समाज का हर वर्ग इस फैसले से परेशान है। इसके बाद भी भाजपा इसे अपनी उपलब्धि बताती है। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं के प्रति केंद्र और प्रदेश की सरकार उदासीन है। कानून व्यवस्था लगातार लचर होती जा रही है। राज्यपाल को देखना चाहिए कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार चल भी रही है या नहीं।
सपा साजिशकर्ता पार्टी : श्रीकांत शर्मा
अखिलेश के बयान के कुछ ही देर बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश योगी-मोदी फोबिया से ग्रस्त हैं। वह सरकार के विकास और सुशासन से घबराकर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा का दूसरा नाम ही साजिशकर्ता पार्टी है। जमाखोरी के मामले में इनकी पार्टी और नेता उस्ताद रहे हैं। नोटबंदी से सपा, बसपा और कांग्रेस को ही सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी थी, क्योंकि उन्होंने नोटों की जमाखोरी की थी। देश के कुछ हिस्सों में नकदी की मांग बढऩे पर यह दल अनायास ही साजिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एटीएम में रुपये की किल्लत को संज्ञान में लिया है और जल्द ही इसे दूर करने का भरोसा दिया है।