प्रदूषण के साथ महंगाई का दम घोंटेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, जानिये कितना आएगा प्रति लीटर खर्च
उप्र इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग नीति बनाकर सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के लिए लक्ष्य भी तय कर दिए हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। विश्व के लिए चुनौती बनते जा रहे प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश में बड़ा कदम उठाया गया है। उप्र इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग नीति बनाकर सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के लिए लक्ष्य भी तय कर दिए हैं। पर्यावरण के हित में किए गए इस निर्णय का दोहरा लाभ होगा कि यह नीति महंगाई पर लगाम कसने में भी सहायक होगी।
हाल ही में औद्योगिक विकास विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए नीति लागू की है। इसमें इन तथ्यों पर खास जोर दिया गया है कि पेट्रोल से वाहन चलाने पर 5.5 रुपये का खर्च आता है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन एक रुपये के खर्च में एक किलोमीटर चलेंगे। इस नीति के तहत सबसे पहले नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी को आदर्श इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नगर घोषित किया जाएगा। इन दस शहरों में एक हजार इलेक्ट्रिक बसें चलाई जानी हैं।
वहीं, 2030 तक 70 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन संचालन का लक्ष्य है। माल परिवहन में भी पचास फीसद इलेक्ट्रिक वाहन लगाए जाने हैं। सरकार 2024 तक प्रदेश भर में दस लाख इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर उतार देना चाहती है। माल परिवहन खर्च आदि घटने से महंगाई भी कम हो जाएगी।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राज शेखर का कहना है कि अभी इस नीति के तहत बस संचालन का कोई लक्ष्य विभाग को नहीं दिया गया है। फिर भी परिवहन निगम प्रयास कर रहा है कि इसी वित्तीय वर्ष में अनुबंधित 50 इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में शामिल हो जाएं। उनका मानना है कि इससे किराया अप्रत्याशित रूप से कम हो जाएगा। हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में कई गुना अधिक हैं। उदाहरण स्वरूप, डीजल से चलने वाली जो बस 25 से 30 लाख रुपये की है, वही इलेक्ट्रिक बस सवा से डेढ़ करोड़ रुपये तक में आएगी।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तरह अनिवार्य हो जाएंगे चार्जिंग स्टेशन
ई-व्हीकल पॉलिसी में कहा गया है कि 2024 तक दो लाख चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। परिवहन निगम के डिपो, टर्मिनल, बस स्टॉप पर चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। सार्वजनिक पार्किंग स्थलों पर यह व्यवस्था अनिवार्य होगी। पांच हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स, आवासीय टाउनशिप की एनओसी में चार्जिंग स्टेशन की अनिवार्यता लागू की जाएगी।