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बजट में आयुष पर जोर, एलोपैथिक इलाज का तंत्र भी मजबूत होगा

स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने आयुष पर ध्यान दिया है। एलोपैथिक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा के मौजूदा तंत्र को मजबूत कर नए इंतजाम भी किए जा रहे हैैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 16 Feb 2018 09:34 PM (IST)Updated: Fri, 16 Feb 2018 09:34 PM (IST)
बजट में आयुष पर जोर, एलोपैथिक इलाज का तंत्र भी मजबूत होगा
बजट में आयुष पर जोर, एलोपैथिक इलाज का तंत्र भी मजबूत होगा

लखनऊ (अमित मिश्र)। स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने इस बार आयुष पर खास ध्यान दिया है। एलोपैथिक चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा के मौजूदा तंत्र को मजबूत करते हुए नए इंतजाम भी किए जा रहे हैैं। सभी प्रमुख संस्थानों के लिए भी सरकार ने इस बार झोली खोल दी है। इसमें केजीएमयू को 835.70 करोड़, एसजीपीजीआइ को 843.22 करोड़, डॉ.राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को 411.95 करोड़ और सैफई के आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को 318.96 करोड़ रुपये दिए जाने की व्यवस्था की गई है।

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आयुष को बढ़ावा देते हुए राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नए आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापित करने का लक्ष्य बनाया है। इन अस्पतालों में डॉक्टरों के इंतजाम के लिए ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस की 100 सीटों पर पाठ्यक्रम शुरू होगा, जबकि वाराणसी के राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में तीन विषयों की पांच-पांच सीटों पर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बजट में 1.09 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। लखनऊ के राजकीय तकमील उत्तिब कॉलेज एवं चिकित्सालय में 50 बिस्तरों के जिला यूनानी चिकित्सालय की स्थापना के लिए 2.50 करोड़ रुपये और आठ आयुर्वेदिक महाविद्यालयों से संबद्ध चिकित्सालयों में इनोवेशन कार्यक्रम के लिए 10 लाख रुपये तय किए गए हैैं।

एलोपैथिक क्षेत्र के चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से राजकीय मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में निर्माण व उपकरणों की खरीद के लिए 1751.47 करोड़ रुपये और जिला अस्पताल व सीएचसी-पीएचसी में निर्माण व उपकरणों की खरीद के लिए 710 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों व राजकीय चिकित्सालयों में औषधि व रसायन के लिए भी 742.85 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना फेज-3 के तहत झांसी, गोरखपुर, इलाहाबाद व मेरठ के मेडिकल कॉलेजों में उच्चीकृत सुपर स्पेशियलिटी विभाग तथा कानपुर व आगरा में सुपर स्पेशियलिटी विभाग के लिए बजट में 126 करोड़ रुपये और फैजाबाद, बस्ती, बहराइच, फीरोजाबाद व शाहजहांपुर के जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर इसी साल मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। राजकीय अस्पतालों की पैथोलॉजी उपकरणों में रिएजेंट के लिए 50 करोड़ रुपये और कानपुर, गोरखपुर, आगरा व इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज में बर्न यूनिट के लिए 13.86 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों तथा कानपुर के हृदय रोग व कैंसर संस्थान में ई-हॉस्पीटल सिस्टम शुरू करने की भी घोषणा की गई है।

पीजीआइ में बढ़ेंगे 200 बेड

एसजीपीजीआइ के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में 200 बेड बढ़ेंगे और प्रदेश में पहली बार यहां रोबोटिक सर्जरी भी शुरू होगी। केजीएमयू में ऑर्गन ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापित होगी, जबकि डॉ.राममनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में पहली बार 150 एमबीबीएस सीटों पर दाखिलों के बाद नवीन परिसर में 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल तथा पैरामेडिकल व नर्सिंग कॉलेज का निर्माण कराया जाएगा। 

अग्निशमन, एंबुलेंस व बायोमीट्रिक से लैस होंगे संस्थान

कानपुर, गोरखपुर, आगरा, इलाहाबाद, झांसी व मेरठ के मेडिकल कॉलेजों तथा जेके कैंसर संस्थान कानपुर में फायर फाइटिंग व इलेक्ट्रिकल सेफ्टी के लिए बजट में 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में क्रिटिकल केयर एंबुलेंस के लिए 4.62 करोड़ रुपये, राजकीय मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में 14 शव वाहनों के लिए 1.80 करोड़ रुपये और सीएचसी, जिला अस्पतालों, सीएमओ व अपर निदेशक कार्यालयों में कर्मचारियों की बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए दो करोड़ रुपये निर्धारित हैैं। इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज को अपग्रेड करने के लिए भी 3.03 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 

सीएचसी पर मिलेंगे डेंटल सर्जन, दौड़ेंगी मोबाइल मेडिकल यूनिटें

बजट के जरिये पहली बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 595 दंत शल्यकों के पद सृजित करने की व्यवस्था की गई है, जबकि थ्री-पी मोड पर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिटें संचालित करने की भी तैयारी की गई है। 


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