तोड़ा जाएगा ब्रिटिश कालीन कटाई वाला पुल, बढ़ेगा ट्रेनों का आवागमन
पीडब्ल्यूडी के साथ रेलवे ने किया सर्वेक्षण ड्राइंग हो रही तैयार। चार लेन का नेटवर्क करने के लिए होगा चौड़ीकरण।
लखनऊ, जेएनएन। शहर को कैंट से जुड़े हिस्सों को जोडऩे वाला ब्रिटिशकालीन कटाई वाला पुल तोड़ा जाएगा। इस पुल का चौड़ीकरण होगा, जिससे रेलवे दो और लाइन बिछा सकेगा। पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर रेलवे ने पुल की स्थिति का सर्वे कर लिया है। विस्तार करने के लिए पुल की ड्राइंग तैयार की जा रही है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक दो से तीन महीने में पुल को तोडऩे का कार्य शुरू हो जाएगा।
चारबाग स्टेशन से दिलकुशा तक जाने वाली रेल लाइन पर यह पुल सोमनाथ द्वार के सामने बना हुआ है। इस पुल की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुलतानपुर रोड, रायबरेली रोड और कैंट के लोगों को जोडऩे के लिए यह एकमात्र पुल था। ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय न तो सदर बाजार वाला पुल बना था और न ही माल एवेन्यू का ओवरब्रिज। इसी एकमात्र पुल के जरिए लोग हजरतगंज में प्रवेश करते हुए चौक और सीतापुर रोड की तरफ जाते थे।
इस रेलखंड पर यह पुल बनाया गया है। उसपर अभी केवल एक अप व एक डाउन लाइन ही है। ऐसे में सुबह छह से आठ और शाम को छह से रात 12 बजे तक चार अलग-अलग रूटों सुलतानपुर, रायबरेली, गोरखपुर और फैजाबाद की ओर से आने वाली ट्रेनें फंस जाती हैं। करीब 60 से 70 ट्रेनें रोजाना खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में रेलवे ने यार्ड रीमॉडलिंग के तहत चारबाग स्टेशन पर दो नए प्लेटफार्म बनाने के साथ दिलकुशा तक एक प्रवेश और एक और निकासी लाइन बिछाने का निर्णय लिया है।
इसके लिए दिलकुशा से चारबाग तक 15 में से नौ पुल का निर्माण पूरा हो गया है। जबकि लाइन किनारे की पाइप लाइन और केबल को शिफ्ट किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को देख रहे वरिष्ठ अधिकारी एसके सपरा बताते हैं कि कटाई वाला पुल को भी दो नई लाइन बिछाने के लिए चौड़ा करना होगा। यह बहुत पुराना पुल है लिहाजा इसे तोड़कर इसकी जगह नया पुल बनाया जाएगा।