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उमीफेनोविर दवा के लिए करें इंतजार, कोरोना पर प्रभावी दवा के परीक्षण परिणाम आने में विलंब

लखनऊ के केजीएमयू लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और एराज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है कोरोना वायरस की दवा उमीफेनोविर का परीक्षण। यदि कोरोना मरीजों पर परीक्षण सफल रहते हैं तो एक बेहद सस्ती व प्रभावी दवा कोरोना के इलाज के लिए हासिल हो सकेगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 06:02 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 07:42 AM (IST)
उमीफेनोविर दवा के लिए करें इंतजार, कोरोना पर प्रभावी दवा के परीक्षण परिणाम आने में विलंब
सीडीआरआइ तीन अस्पतालों में करा रहा है परीक्षण।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के इलाज में उमीफेनोविर को केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) ने काफी प्रभावी पाया था। न केवल उपचार, बल्कि कोरोना की रोकथाम में भी इस दवा को काफी असरदार पाया गया। इसके चलते राजधानी के क‍िंग जॉर्ज चिकित्सा यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व एराज मेडिकल कॉलेज में परीक्षण शुरू किए गए हैं। परीक्षण के लिए सीडीआरआइ द्वारा ही दवा अस्पतालों को उपलब्ध कराई जा रही है। नतीजे आने में डेढ़ से दो माह का समय लग सकता है, जिसके चलते लोगों को इस सस्ती दवा के लिए अभी इंतजार करना होगा।

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लोहिया संस्थान के डॉ. विक्रम स‍िंंह बताते हैं कि उमीफेनोविर एंटीवायरल दवा है जिसे सीडीआरआइ द्वारा किए गए अनुसंधान में आरएनए वायरस पर काफी प्रभावी पाया गया है। उन्होंने बताया कि तीन अस्पतालों में इसका परीक्षण शुरू किया गया है। लोहिया संस्थान में 42 मरीजों पर इसका परीक्षण किया जाना है। परीक्षण के लिए लगभग 50 फीसद मरीजों का पंजीकरण किया जा चुका है।

केजीएमयू के संक्रामक रोग अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर डी. हिमांशु बताते हैं कि केजीएमयू में भी परीक्षण शुरू किए गए हैं। जिन मरीजों को दवा दी जा रही है, उनका फॉलोअप भी किया जा रहा है। डाटा संकलित किया जा रहा है। सभी जगह का डाटा आ जाने के बाद इसका विश्लेषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस काम में डेढ़ से दो महीने का वक्त लग सकता है। यदि कोरोना मरीजों पर परीक्षण सफल रहते हैं तो एक बेहद सस्ती व प्रभावी दवा कोरोना के इलाज के लिए हासिल हो सकेगी। निश्चित रूप से यह कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

दवा की खासियत

सीडीआरआइ के अनुसार, यह दवा मानव कोशिकाओं में कोरोना वायरस के प्रवेश को रोकने के साथ वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को सक्रिय करने में भी कारगर है। वर्तमान में उमीफेनोविर इन्फ्लूएंजा के इलाज में रूस और चीन में प्रयोग की जाती है। परीक्षण में यह दवा सफल रही तो यह तुरंत बाजार में उपलब्ध होगी। सीडीआरआइ द्वारा इसके निर्माण की प्रौद्योगिकी गोवा की एक फार्मा कंपनी को पहले ही सौंप दी गई है।


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