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लखनऊ व‍िव‍ि में ईडब्ल्यूएस कोटे से होगा प्रवेश, मगर यह सीटें तय सीटों से होंगी अलग

कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने बताया कि गरीब कोटे का पूरा 10 फीसद लाभ अभ्यर्थियों को दे रहे हैं। हम इस तरह से लाभ दे रहे हैं कि जितनी सीटें हैं उनमें सीटों की संख्या को 10 फीसद बढ़ा दिया जाता है। ताकि पुराने आरक्षण में छेड़छाड़ न हो।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 07:30 AM (IST)
लखनऊ व‍िव‍ि में ईडब्ल्यूएस कोटे से होगा प्रवेश, मगर यह सीटें तय सीटों से होंगी अलग
लविवि और उससे संबद्ध कॉलेजों में गरीब कोटे से 10 फीसद प्रवेश ईडब्ल्यूएस कोटे के जरिये।

लखनऊ, जेएनएन। लविवि और उससे संबद्ध कॉलेजों में गरीब कोटे से 10 फीसद प्रवेश ईडब्ल्यूएस कोटे के जरिये होंगे मगर ये सीटें अलग से सृजित की जाएंगी। मिसाल के तौर पर अगर 40 सीटें हैं तो इसकी 10 फीसद सीट यानी चार सीटें अलग से सृजित होंगी। यानी की 44 । मगर इसका मतलब ये नहीं है कि 44 सीटों को कुल सीटें माना जाए। ये व्यवस्था पीएचडी से लेकर सारे प्रवेश में लागू होगी।

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पीएचडी प्रवेश परीक्षा में ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर अनेक विवाद हुए हैं। जिसमें कहा गया है कि पीएचडी प्रवेश में ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ अभ्यर्थियों को नहीं दिया, जिससे विद्यार्थी परेशान हुए हैं। दूसरी ओर लविवि की सोच इस विषय पर दूसरी है। कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने बताया कि हम गरीब कोटे का पूरा 10 फीसद लाभ अभ्यर्थियों को दे रहे हैं। हम इस तरह से लाभ दे रहे हैं कि जितनी सीटें हैं, उनमें सीटों की संख्या को 10 फीसद बढ़ा दिया जाता है। ताकि पुराने आरक्षण में कोई छेड़छाड़ न हो। मगर जाे 10 फीसद बढ़ाया जाता है, उसको कुल सीटों की संख्या में शामिल नहीं किया जाता है।

इस वजह से ये कहना है कि पीचडी प्रवेश में ईडब्ल्यूएस कोटे से कोई छेड़छाड़ की जा रही है, उसमें कोई भी सच्चाई नहीं है। हम पूरी बहस करने और तथ्यों को पूरी पारदर्शिता के साथ सामने रखने के लिए तैयार है। मगर ये नहीं मान सकते हैं कि ईडब्ल्यूएस कोटे में कोई भी गड़बड़ हुई है। उन्हाेंने बताया कि इसी तरह से प्रत्येक प्रवेश परीक्षा में भी गरीब कोटे का आरक्षण दिया जाता रहे। 


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