धर्मांतरण रोकने को हिंदुओं को संगठित करेगी कथावाचकों की फौज
पश्चिम बंगाल व पूर्वोत्तर भारत में लंबे समय से मिशनरियां धर्मांतरण कराती रही हैं। इधर असम व त्रिपुरा में भाजपा के सत्ता में आने के बाद स्थिति बदली है।
इलाहाबाद [शरद द्विवेदी]। धर्मांतरण पर विश्व हिंदू परिषद चिंतित है। इसे रोकने के लिए वह धार्मिक अस्मिता, स्वाभिमान और राष्ट्रवाद की भावना के केंद्र में रखकर मुहिम चलाएगी। इस मुहिम की धुरी होंगे कथावाचक। पूर्वोत्तर भारत व पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का धर्मांतरण रोकने के लिए विहिप भजन-पूजन के जरिए सनातनी माहौल तैयार करने में जुटी है। इसके जरिए हिंदू रहे लोगों के अंदर व्याप्त भय निकालकर उन्हें पुन: अपने धर्म में लौटने को प्रेरित किया जाएगा। कार्तिक माह से कथाओं का दौर तेज होगा।
पश्चिम बंगाल व पूर्वोत्तर भारत में लंबे समय से मिशनरियां धर्मांतरण कराती रही हैं। इधर असम व त्रिपुरा में भाजपा के सत्ता में आने के बाद स्थिति बदली है। इन राज्यों में विहिप हिंदुत्ववादी गतिविधियों को धार देने में जुटी है। शासन-प्रशासन एवं संतों के साथ मिलकर धार्मिक गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी। इसकी कमान विहिप के संयुक्त महामंत्री श्यामजी गुप्त ने संभाली है। इनकेसाथ विहिप के केंद्रीय योजना प्रमुख तपन कुमार मुखर्जी व सहयोजना प्रमुख देवकीनंदन, डॉ. सूर्यप्रकाश शर्मा व उमाशंकर मिश्र पश्चिम बंगाल व पूर्वोत्तर भारत का दौरा करके वहां की जमीनी हकीकत देख चुके हैं।
जहां धर्मांतरण हुआ है उन क्षेत्रों में सनातनी गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी। अयोध्या, नागपुर व ओडिशा में श्रीराम व श्रीकृष्ण कथा का वृंदावन एवं पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को सक्रिय किया जाएगा। विहिप प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य पुरुषोत्तम नारायण सिंह कहते हैं कि धर्मांतरण के चलते राष्ट्रांतरण का खतरा बना है, उसे रोकने को हमारी मुहिम चलेगी।
उतरेंगे 3200 कथावाचक
पश्चिम बंगाल व पूर्वोत्तर भारत में विहिप कार्तिक माह में 3200 कथावाचकों को उतारेगी। विहिप के केंद्रों में 1995 से अभी तक प्रशिक्षण प्राप्त कथावाचक शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल में 1500, असम में 500 एवं त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम व नगालैंड में 300-300 कथावाचक भेजे जाएंगे।
एक क्षेत्र में एक माह
हर कथावाचक एक क्षेत्र में एक माह तक रुकेंगे। वह 15 दिन कथा कहेंगे एवं 15 दिन स्थानीय लोगों के घर जाकर मेल-मिलाप करके धर्म का मर्म, संस्कार समझाएंगे।
संत-महात्मा उठाएंगे खर्च
पश्चिम बंगाल व पूर्वोत्तर भारत में मंदिरों, धर्मशालाओं व सार्वजनिक स्थलों पर प्रवचन का खर्च स्थानीय हिंदू व संत-महात्मा वहन करेंगे। अगर कोई अपने घर में प्रवचन कराता है तो उसे स्वयं खर्च वहन करना होगा।
'ईसाई मिशनरियां सेवा, चिकित्सा, शिक्षा तथा मुस्लिम भय दिखाकर हिंदुओं का धर्मांतरण कराती हैं। विहिप धर्म के सहारे धर्मांतरण को रोकेगी। साथ ही जिन हिंदुओं ने दूसरा धर्म अपनाया है उन्हें वापस बुलाया जाएगा।
- शरद शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता, विहिप