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यूपी में शिक्षकों को शासन की स्थानांतरण नीति का इंतजार, गर्मी की छुट्टियों में होने हैं तबादले

बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की मांग है कि हर प्राइमरी स्कूल में न्यूनतम पांच शिक्षक जूनियर स्कूलों के न्यूनतम तीन शिक्षक और कंपोजिट स्कूलों में आठ शिक्षक तैनात किए जाएं। इसमें मान्यता प्राप्त संघों के पदाधिकारियों का भी नीति में उल्लेख किया जाए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 01:08 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 03:36 PM (IST)
यूपी में शिक्षकों को शासन की स्थानांतरण नीति का इंतजार, गर्मी की छुट्टियों में होने हैं तबादले
सत्र 2022-23 के लिए स्थानांतरण नीति घोषित करने की मांग तेज।

लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। बेसिक शिक्षा परिषद के डेढ़ लाख से अधिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के तबादले गर्मी की छुट्टियों में करने के निर्देश हैं। छुट्टियां शुक्रवार से शुरू हो रही हैं लेकिन, अब तक तबादला आदेश जारी नहीं हुआ है। अफसरों का कहना है कि शासन की तबादला नीति का इंतजार हो रहा है उसके बाद परिषद निर्देश जारी करेगा।

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स्थानांतरण के लिए शिक्षकों की मांग है कि जिले के अंदर, अंतर जनपदीय व पारस्परिक तबादलों की अनुमति दी जाए। इसमें एक साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को भी शामिल होने का मौका मिले। इसमें अन्य जिलों की तरह इस बार आकांक्षी जिलों के शिक्षकों को भी शामिल किया जाए।

जिले के अंदर तबादला चाहने वाले शिक्षकों से विद्यालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष विकल्प लेकर काउंसिलिंग करके स्थानांतरण किया जाए। ज्ञात हो कि पांच वर्षों में केवल दो बार अंतरजनपदीय तबादले हुए हैं। इसलिए हजारों शिक्षक इस बार तबादलों की उम्मीद लगाए हैं। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. दिनेश शर्मा व महामंत्री संजय सिंह ने बुधवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को ज्ञापन सौंपा है।

शिक्षकों की मांग है कि जिले के अंदर हर प्राइमरी स्कूल में न्यूनतम पांच शिक्षक, जूनियर स्कूलों के न्यूनतम तीन शिक्षक और कंपोजिट स्कूलों में आठ शिक्षक तैनात किए जाएं। इसमें मान्यता प्राप्त संघों के पदाधिकारियों का भी नीति में उल्लेख किया जाए। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षकों को तबादला प्रक्रिया शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न हो अन्याय : संदीप

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा है कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए। इन्हें न्याय मिलना चाहिए। 69000 शिक्षक भर्ती में की पूरी चयनित सूची को दुरुस्त करें। यह मामला जल्द नहीं सुलझा तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों ने बुधवार को बेसिक शिक्षा मंत्री सिंह के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की।

पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप व संरक्षक भास्कर सिंह यादव ने मंत्री को बताया कि भर्ती में जो आरक्षण दिया गया है जो पूरी तरह से गलत है और इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 व आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन हुआ है। मंत्री ने अभ्यर्थियों की बातें सुनकर तुरंत बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल को अपने आवास पर बुलाया और अभ्यर्थियों के सामने इस भर्ती पर चर्चा की।


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