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सहायक शिक्षक भर्ती में बार-बार बदले नियम, शासनादेश में ही गड़बडिय़ों की भरमार

उत्तर प्रदेश सरकार की 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा नियमों को बदलने का रिकॉर्ड बनाने में भी खास रही। नियम बदलने का सिलसिला जारी है। जानें कब क्या हुआ।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 06:52 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 06:54 PM (IST)
सहायक शिक्षक भर्ती में बार-बार बदले नियम, शासनादेश में ही गड़बडिय़ों की भरमार
सहायक शिक्षक भर्ती में बार-बार बदले नियम, शासनादेश में ही गड़बडिय़ों की भरमार

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश सरकार की 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा नियमों को बदलने का रिकॉर्ड बनाने में भी काफी खास रही। परीक्षा शुरू होने से पहले चला नियमबदलने का सिलसिला अब तक जारी है। कई ऐसे प्रावधान हुए, जो शासनादेश में नहीं है। ध्यान रहे कि नौ जनवरी को जारी शासनादेश में गड़बडिय़ों की भरमार देखने को मिली जिसे दुरुस्त करने को लगातार आदेश जारी हो रहे। नतीजा आज परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल उठने के रूप में आया जो सीबीआइ जांच तक पहुंच गया।

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नौ जनवरी से एक नवंबर तक 

  • 09 जनवरी : सहायक अध्यापक भर्ती 2018 का शासनादेश जारी। 
  • 25 जनवरी : भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू। 
  • 09 फरवरी : आवेदन लेने की अंतिम तारीख। 
  • 12 मार्च : लिखित परीक्षा की तारीख जो टाली गई। 
  • 21 मई : शासन ने उत्तीर्ण प्रतिशत के अंकों में किया बदलाव। 
  • 27 मई : लिखित परीक्षा प्रदेश भर के मंडल मुख्यालयों पर कराई गई। 
  • 06 जून : परीक्षा नियामक सचिव ने पहली उत्तर कुंजी जारी की। 
  • 18 जून : आपत्तियां लेकर संशोधित उत्तर कुंजी जारी की। 
  • 08 अगस्त : शासन ने उत्तीर्ण प्रतिशत बदला, पहले शासनादेश के अंक मान्य। 
  • 13 अगस्त : लिखित परीक्षा का परीक्षा परिणाम जारी, 41556 सफल। 
  • 22 अगस्त : रिजल्ट की जांच व स्कैन कॉपी देने का आदेश। 
  • 31 अगस्त : पहली चयन सूची 34660 अभ्यर्थियों की जारी। 
  • 01 सितंबर : सोनिका देवी की उत्तर पुस्तिका बदलने का हाईकोर्ट में राजफाश। 
  • 02 सितंबर : दूसरी चयन सूची 6127 अभ्यर्थियों की जारी। 
  • 04 सितंबर : रिजल्ट में कम अंक पाने वालों को स्कैन कॉपी में मिले अधिक अंक। 
  • 05 सितंबर : प्रदेश के विभिन्न जिलों में चयनितों को मिले नियुक्ति पत्र। 
  • 08 सितंबर : परीक्षा प्राधिकारी निलंबित अन्य पर कार्रवाई। जांच को तीन सदस्यीय जांच टीम गठित। 
  • 09 सितंबर : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में अभिलेख जलाए गए। 
  • 28 सितंबर : हाईकोर्ट ने जांच में लीपापोती करने पर नाराजगी जताई और फैसला सुरक्षित किया। 
  • 05 अक्टूबर : जांच समिति रिपोर्ट पर रजिस्ट्रार व डिप्टी रजिस्ट्रार निलंबित, अन्य पर कार्रवाई का आदेश।
  • 11 अक्टूबर : पुनर्मूल्यांकन का आवेदन लेने के लिए वेबसाइट शुरू। 
  • 20 अक्टूबर : 30751 अभ्यर्थियों ने दोबारा मूल्यांकन के लिए किया आवेदन। 
  • 24 अक्टूबर : रिजल्ट में फेल व कॉपी पर उत्तीर्ण 45 अभ्यर्थियों की सूची परिषद मुख्यालय भेजी। 
  • 01 नवंबर : हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सीबीआइ जांच का दिया आदेश। 

परीक्षा की तारीख ही बदली 

शिक्षक भर्ती की परीक्षा कराने की 12 मार्च तारीख तय हुई। उसी बीच कोर्ट में टीईटी 2017 का रिजल्ट बदलने से नए उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल कराने को परीक्षा बदलकर 27 मई की गई। टीईटी रिजल्ट का विवाद फिर सामने आ गया है। 

इम्तिहान के पहले उत्तीर्ण प्रतिशत 

शिक्षक भर्ती के 68500 पदों के लिए 107869 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में बैठे। शासनादेश में सामान्य व ओबीसी 45 व एससी-एसटी का 40 फीसद उत्तीर्ण प्रतिशत तय हुआ था। परीक्षा से पहले इसमें बदलाव हुआ। सामान्य व ओबीसी का 33 व एससी व एसटी का 30 प्रतिशत किया। इसी को ध्यान में रखकर इम्तिहान हुआ। 

रिजल्ट शासनादेश के अनुरूप 

शासन की ओर से उत्तीर्ण प्रतिशत घटाने को कोर्ट ने इसे नहीं माना, तब रिजल्ट शासनादेश के अनुरूप आया। इसमें 41556 अभ्यर्थी ही सफल हो सके। यदि उत्तीर्ण प्रतिशत की जगह लिखित परीक्षा की मेरिट पर चयन होता तो सभी पद भर जाते और इन दिनों 33 व 30 फीसदी के लिए आंदोलन भी नहीं होता।

दो चयन सूची, दो जिला आवंटन

बेसिक शिक्षा परिषद ने भर्ती के कुल पदों की जगह सफल अभ्यर्थियों को आधार बनाकर पहली चयन सूची जारी की। इसमें परीक्षा में सफल 6127 अभ्यर्थी बाहर हो गए। हंगामा मचने पर दूसरी सूची जारी की गई। इस प्रक्रिया में जिला आवंटन गड़बड़ा गया। कम अंक वाले गृह जिले में व अधिक अंक वाले दूसरे जिलों में तैनात हैं। 

मूल्यांकन का मानक नहीं बना

परीक्षा की पारदर्शिता के लिए पहली बार सब्जेक्टिव इम्तिहान में उत्तरकुंजी देने व कार्बन कॉपी मुहैया कराने तक के नियम बने लेकिन, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कोई नियम नहीं था कि आखिर एक शिक्षक कितनी कॉपियां जांचेगा। हर दिन शिक्षकों को कितनी कॉपियां आवंटित होंगी। परीक्षा ओएमआर शीट पर कराए जाने पर मूल्यांकन का विवाद नहीं होता।

स्क्रूटनी व दोबारा जांच का अवसर नहीं 

शासनादेश में कॉपियों की स्क्रूटनी या फिर उनकी दोबारा जांच करने का प्रावधान ही नहीं है। शासन ने ही इसे तोड़कर पहले कॉपियों की स्क्रूटनी कराई और अब पुनर्मूल्यांकन कराने के लिए 30751 से अधिक अभ्यर्थियों से आवेदन लिया है। इसमें चार तरह के मामलों दोबारा मूल्यांकन होगा। 

एक परीक्षा के होंगे तीन रिजल्ट 

शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का एक परिणाम आ चुका है। जांच समिति की रिपोर्ट पर 45 और अभ्यर्थियों का चयन करके परिषद भेजा जा चुका है। अब पुनर्मूल्यांकन के बाद फिर एक रिजल्ट और आना तय है। 


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