Lucknow News: केमिकल मिलाकर बना रहे थे चाय पत्ती, लखनऊ में सगे भाई समेत तीन गिरफ्तार
Lucknow News लखनऊ के ठाकुरगंज में वंशी विहार कालोनी में एसटीएफ खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग की टीम ने मारा छापा। टीम ने मौके से साढ़े चार कुंतल चाय और 75 किलो रंग बरामद कर सात नमूने लिए हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। ठाकुरगंज में वंशी विहार कालोनी में नकली चाय की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया है। एसटीएफ, खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग की टीम ने छापा मारकर केमिकल मिलाकर चायपत्ती बनाने वाले गिरोह को पकड़ा है। चाय पत्ती में हानिकारक रंग एवं मानव जीवन को हानि पहुंचाने वाले अन्य पदार्थ मिलाए जा जा रहे थे। एसटीएफ में सीओ दीपक कुमार सिंह के मुताबिक गिरोह ब्रांडेउ कंपनियों की चाय पत्ती की हूबहू नकल कर पैकिंग करता था। गिरोह में शामिल निवाती टोला ठाकुरगंज निवासी दाउद, जैद और तबरेज हाशमी को गिरफ्तार किया गया है।
सीओ एसटीएफ के मुताबिक मुखबिर ने सूचना दी थी कि गिरोह फुटकर में चाय की पत्ती को खरीदकर उसमें केमिकल व रंग मिलाकर उसे ब्रांडेड कंपनियों के पैकेट में भरकर बेच रहा है। इसके बाद शनिवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के साथ फैक्ट्री में छापा मारकर कच्चा माल बरामद किया गया।
आरोपितों के पास से तीन ड्रम रंग, दो कुंतल अपमिश्रित गोल्डन चाय, 160 किलो गार्डेन फ्रेश चाय, 80 किलो खुली चाय, 12 बोरियों में पैकिंग की हजारों पन्नियां, तीन कार्टून गार्डेन फ्रेश चाय का टेप, एक कार्टून में स्टीकर गार्डेन फ्रेश चाय और अन्य सामान बरामद किए गए हैं।
छानबीन में पता चला कि विभिन्न ब्रांड की कंपनियों के नाम से नकली चाय बनाने वाले गिरोह के दाउद और जैद काफी समय से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। गिरोह अब तक लाखों रुपये का नकली चाय बेच चुका है। एसटीएफ ने दाउद और जैद के वंशी विहार स्थित मकान पर छापा मारकर तबरेज व उन्हें दबोच लिया। पूछताछ में जैद और दाउद ने बताया कि दोनों सगे भाई हैं।
आरोपित लखनऊ व आस पास के जनपदों से खुली चाय पत्ती खरीदकर लाते थे। इसके बाद कानपुर से महंगी ब्रांडेड कंपनियों की पैकिंग का सामान खरीदते थे और खुद की बनाई गई चायपत्ती उसमें भरकर छोटी दुकानों पर बेच देते थे। दोनों भाई करीब पांच-छह साल से ये अवैध कारोबार कर रहे हैं।
हानिकारक है मिलावट : चाय की पत्ती बनाने के लिए कैमिकल या रंग का इस्तेमाल किया जाना जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक है। इन रसायनों में हानिकारक पदार्थ होते हैं जो किडनी, ब्रेन व नसों पर दुष्प्रभाव डालते हैं। ऐसी चाय पत्ती का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से इंसान बीमार हो जाता है। - डा. डी हिमांशु, चिकित्सा अधीक्षक, केजीएमयू