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ताज मैराथन में उमड़ा जन सैलाब और दौड़े हजारों धावक

आगरा में ताज को तामीर होते देखा। किले की प्राचीर को देखा। यमुना की लहरों को उछलते देखा। नहीं देखा था, तो ऐसा कारवां। नहीं देखा था ऐसा जोश, जज्बा और हौसला। यह दिखा, तो ताज नगरी ने रविवार को इतिहास रच दिया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2016 09:15 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 09:19 PM (IST)
ताज मैराथन में उमड़ा जन सैलाब और दौड़े हजारों धावक

लखनऊ। आगरा में ताज को तामीर होते देखा। किले की प्राचीर को देखा। यमुना की लहरों को उछलते देखा। नहीं देखा था, तो ऐसा कारवां। नहीं देखा था ऐसा जोश, जज्बा और हौसला। यह दिखा, तो ताज नगरी ने रविवार को इतिहास रच दिया। वेलेंटाइन डे पर वसंती रंग में डूबे मुहब्बत के शहर वालों ने स्वास्थ्य, हरियाली, पर्यटन और शहर के प्यार का अनूठे अंदाज में इजहार किया। उडऩ सिख मिल्खा सिंह की मौजूदगी में जैसे शहर का हर शख्स मैराथन दौड़ पूरी करने को चल पड़ा।

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रविवार को शारदा ताज मैराथन का आयोजन किया गया। सुबह के तय समय से पहले ही हजारों शहरवासी सिकंदरा स्मारक की पार्किंग में पहुंच चुके थे। कुछ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच ठीक 6.30 बजे उडऩ सिख मिल्खा सिंह और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया ने मैराथन को सिकंदरा स्मारक से हरी झंडी दिखाई। यहां से हजारों धावकों ने 21 किलोमीटर के लिए दौड़ शुरू की। दिल्ली-आगरा हाईवे से गुरुद्वारा गुरु का ताल पुल, मदिया कटरा, हरीपर्वत, सूरसदन तिराहा होते हुए मैराथन पालीवाल पार्क पहुंची।

यहां से बी श्रेणी (12 किलोमीटर) के धावक मैराथन में शामिल हुए। यहां से रैली को रवाना करने खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री रामसकल गुर्जर भी पहुंचे। यमुना किनारा होते हुए मैराथन मोतीलाल नेहरू पार्क से गुजरी। यहां से सी श्रेणी (6 किलोमीटर) के प्रतिभागी शामिल हो गए। ओनली रेस्टोरेंट के पास से 2.5 किलोमीटर की दौड़ में ऐसे धावक जुड़ गए, जिन्होंने सफर तो कम तय किया, लेकिन संदेश दूर तक दिया। इनमें वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग बच्चे शामिल थे। इनका हौसला बढ़ाने को केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. कठेरिया भी दौड़े।

मैराथन में कारवां इस तरह बढ़ता गया कि जब धावक एकलव्य स्पोट्र्स स्टेडियम में रुके, तो यूं लगा कि यहां जन समंदर ठहर गया हो। फिर इंतजार था उन विजेताओं का नाम जानने का, जिन्होंने सबसे कम समय में 21 किलोमीटर की दौड़ पूरी की। पुरुष वर्ग में केन्या निवासी सैमुअल और महिला वर्ग में नागपुर की ज्योति चौहान विजेता रहीं। इन्हें केंद्रीय मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया ने पुरस्कार राशि का चेक भेंट किया। इसके बाद विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं की छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।

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