Tablighi Jamaat : और कसेगा क्वारंटाइन के बाद जमातियों पर कानूनी शिकंजा, मददगारों पर भी कार्रवाई तय
Tablighi Jamaat दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों और विदेशी नागरिकों के मददगार भी आने वाले दिनों में कड़ी कानूनी कार्रवाई के दायरे में होंगे।
लखनऊ, जेएनएन। दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों और विदेशी नागरिकों के मददगार भी आने वाले दिनों में कड़ी कानूनी कार्रवाई के दायरे में होंगे। जिन विदेशी नागरिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके पासपोर्ट जब्त किए गए हैं, उनके लिए क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद जेल के दरवाजे खुले होंगे। ऐसे विदेशियों के लिए फिर भारत आने की राह भी आसान नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तब्लीगी जमात के लोगों व उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर लगातार उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है। ऐसे कई लोग खुद भी सामने आ रहे हैं, जबकि छिपने वाले या कोरोना संक्रमण के लिए लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में गए उत्तर प्रदेश के 2047 से अधिक लोगों की पहचान की जा चुकी है। डीजीपी ने बताया कि करीब दो सौ लोग ऐसे भी हैं, जो दिल्ली से आए लोगों के संपर्क में आए थे। इस तरह अब तक कुल 1953 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।
स्थानीय स्तर पर ऐसे लोगों का भी पता लगाया जा रहा है, जो निजामुद्दीन से लौटे लोगों के संपर्क में आए थे। निजामुद्दीन की जमाात से लौटे कई लोग चुपचाप अपने घर आ गए थे और किसी को इसकी जानकारी नहीं दी थी। इन जमातियों की छानबीन के दौरान अब तक सामने आए 344 विदेशियों को क्वारंटाइन किया गया है। इनमें 295 के खिलाफ पुलिस ने लॉकडाउन के उल्लंघन, एपिडेमिक एक्ट, फॉरेन एक्ट व वीजा नियमों के उल्लंघन के तहत मुकदमे दर्ज किए हैं। इसके अलावा प्रदेश के 20 जिलों में अब तक विदेशी नागरिकों के विरुद्ध 44 एफआइआर भी दर्ज हुई हैं। हालांकि जमातियों व विदेशी नागरिकों के विरुद्ध अब तक जिन धाराओं में केस दर्ज हुए हैं, उनमें सात वर्ष से कम की सजा का प्रावधान है।
इस बीच पुलिस ने 249 विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट भी जब्त किए हैं। वे टूरिस्ट वीजा के जरिए आए थे और यहां बिना सूचना के दूसरे आयोजनों में शामिल हो रहे थे। इन विदेशी नागरिकों के लिए फिलहाल क्वारंटाइन के बाद जेल के रास्ते ही खुले होंगे। इन मुकदमों में वे लोग भी हैं, जो इन्हीं छिपाने में मददगार थे। उन पर भी जल्द शिकंजा कसेगा। एडीजी कानून-व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि प्रदेश के निवासी करीब 200 लोग ऐसे भी हैं, जो निजामुद्दीन की जमात में गए थे और अब दिल्ली व अन्य राज्यों में हैं। ऐसे लोगों की सूचना संबंधित राज्यों को दी गई है। पुलिस और प्रशासन पहले संक्रमित लोगों को क्वारंटाइन कर रही है। अगली कड़ी में दर्ज मुकदमों की विवेचना कर आरोपितों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इनकी पड़ताल में खुफिया तंत्र भी सक्रिय है।
अन्य जमातों की मांगी सूचना
डीजीपी मुख्यालय ने जिला स्तर पर हुई तब्लीगी जमातों के बारे में भी ब्योरा मांगा है। आइजी कानून-व्यवस्था ज्योति नारायण का कहना है कि तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। सभी जिलों से स्थानीय जमात में शामिल हुए लोगों और उनके निजामुद्दीन की जमात में शामिल लोगों के संपर्क मेें आने को लेकर जांच करने को कहा गया है।