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Diwali Special: खतरनाक केमिकल से ताजी रखी जा रहीं मिठाइयां, मिलावट बढ़ा रहा कैंसर जैसे रोग Lucknow News

दीपावली पर रखें ध्यान जंक फूड में खतरनाक मोनोसाइड ग्लूटामेट और खानपान के अन्य सामान में मिलावट।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 08:49 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 08:51 AM (IST)
Diwali Special: खतरनाक केमिकल से ताजी रखी जा रहीं मिठाइयां, मिलावट बढ़ा रहा कैंसर जैसे रोग Lucknow News
Diwali Special: खतरनाक केमिकल से ताजी रखी जा रहीं मिठाइयां, मिलावट बढ़ा रहा कैंसर जैसे रोग Lucknow News

लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। खुशियों की दिवाली पर थोड़ा सावधान रहें। खासकर अपनी सेहत को लेकर। इसलिए क्योंकि त्योहारी शोर में मिलावट का बाजार पूरे शबाब पर है। लालच की खातिर मौत के सौदागर खतरनाक केमिकल मिठाइयों समेत खान-पान की चीजों में मिलाने से बाज नहीं आ रहे। छोटे ही नहीं, तमाम बड़े कारोबारी भी इस खतरनाक खेल के मंझे खिलाड़ी बने हुए हैं। बीते दिनों राधे लाल स्वीट्स के यहां पड़े छापे में प्रतिबंधित केमिकल इस्तेमाल करने की पुष्टि सामने है। लिहाजा, खुद और खास अपनों का मुंह मीठा कराते वक्त सजग रहें। ऐसा न हो, पकवान के नाम पर तैयार किया जा रहा ‘जहर’ जानलेवा बन जाए क्योंकि जिम्मेदार विभाग छोटे कारोबारियों और इक्का दुक्का नमूने भरकर मिलावटखोरों को लूटने की खुली छूट दे रहा है। यह दिवाली आपके लिए खुशियों भरी रहे इसलिए सरोकारीय पत्रकारिता का पैरोकार ‘दैनिक जागरण’ मिलावटखोरी के खिलाफ सजग कर रहा है। न केवल समस्या उठाकर बल्कि यह भी बताकर कि कैसे बचें और क्या करें..। 

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जंक फूड में खतरनाक मोनोसाइड ग्लूटामेट

बर्गर, पॉपकॉर्न में मोनोसाइड ग्लूटामेट मिलाया जा रहा है। वैधानिक चेतावनी को अस्पष्ट लिखकर उपभोक्ताओं को भ्रमित करने का प्रयास किया जाता है। नूडल्स में भी इसी तरह खेल किया जा रहा था। नूडल्स के पैकेट में मौजूद मसालों में एक प्रमुख आइएनएस 621 या मोनो सोडियम ग्लूटामेट मौजूद था।

आरारोट, रंग और कद्दू से तैयार हो रहा सॉस और कैचअप

बाजार में सॉस और कैचप के नाम पर लोगों को केवल रंग और शुगर का घोल खिलाया जा रहा है। सिंथेटिक कलर के अलावा बेसन, आरारोट व मैदा का प्रयोग कर लोगों को सॉस तैयार किया जा रहा है।

लाल रंग के लिए प्रतिबंधित सूडान-2 और तीन की मिलावट

एफएसडीए ने कई दुकानों से लाल रंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला केमिकल सूडान-2 और तीन को बरामद किया था। राधेलाल स्वीट्स में बीते दिनों छापे से लिए गए नमूनों की जांच में सूडान की पुष्टि हुई। तमाम प्रतिष्ठानों में इस रंग का प्रयोग अब भी किया जा रहा है। यह प्रतिबंधित केमिकल है, जो मसालों, हल्दी और मिर्च को असल दिखने वाला रंग देता है।

केमिकल से रख रहे मिठाइयों को ताजा

मिठाइयों को जिंदा रखने के लिए कारोबारी सोडियम सल्फाइट नाइट्रेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे मिठाइयों को लंबे सयम तक जिंदा रखा जाता है। इससे मिठाइयां खराब होने के बावजूद बासी नहीं दिखती।

वेजिटेबल ऑयल, बेकिंग पाउडर से बन रहा पनीर

सिंथेटिक पनीर बनाने के लिए स्किम्ड मिल्क और खाने वाले सोडे के अलावा घटिया पॉम ऑयल, वेजीटेबल ऑयल और बेकिंग पाउडर मिलाकर तैयार किया जा रहा है। जो सेहत के लिए खतरनाक है।

मैदा-आलू-कद्दू में रंग वाला बिक रहा खोया

राजधानी के आसपास इलाकों से मिलावटी खोए की बड़ी सप्लाई होती है। मिठाइयों को तैयार करने में जिस खोए का इस्तेमाल किया जा रहा है उसमें मैदा, आलू और आरारोट को मिलाकर तैयार किया जा रहा है।

दूध में मिला रहे प्रतिबंधित पाउडर

दिवाली पर दूध के कारोबारी भी मिलावट करने में पीछे नहीं हैं। दूध को कई दिनों बनाए रखने के लिए उसमें प्रतिबंधित माल्टो डेक्सिट्रन पाउडर मिलाया जा रहा है। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।

खतरनाक रंगों से बन रही नमकीन

बाजार में तरह-तरह के चिप्स, पापड़ और दालमोठ हैं, जिनमें मानकों से कई गुना अधिक कलर मिलाकर बेचा रहा है। यह रंग उस स्तर पर है जो आपकी सेहत बिगाड़ सकता है।

मिलावट बढ़ा रहा कैंसर जैसे रोग 

दूध हो, मिठाई हो या अन्य खाद्य पदार्थ उनको आकर्षक एवं लुभावना बनाने के लिए तरह-तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं। यह केमिकल लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इनसे कैंसर जैसे घातक रोग होने का खतरा रहता है।

भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) के फूड टॉक्सीकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. केएम अंसारी बताते हैं कि पिसी हल्दी में चमकदार पीला रंग लाने के लिए बटरयलो की मिलावट की जाती है। यह लिवर के लिए बहुत खतरनाक माना गया है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आइएआरसी) ने बटर यलो को लिवर कैंसर के मद्देनजर ‘ए’ केटेगरी में शामिल किया गया है। जाहिर है कि ऐसी हल्दी सीधे लिवर कैंसर का कारण साबित होगी। सरसों के तेल में आर्जीमोन तेल की मिलावट से आंखों की रोशनी जाने व ड्राप्सी का खतरा रहता है। बेसन व हल्दी में मेटेनिल यलो केमिकल की मिलावट से पाचन तंत्र, लिवर व गुर्दे को नुकसान पहुंचाती है। मिर्च को चटक लाल रंग देने के लिए सूडान व रोडामाइन -बी का प्रयोग किया जाता है। रोडामाइन से लिवर, तिल्ली व किडनी प्रभावित होते हैं। वहीं सूडान कैंसर का बड़ा कारण है। इसे जूते की पालिश, पेंट आदि में मिलाया जाता है। सोडियम सल्फाइड की मिलावट दूध व दूध से बनी मिठाइयों को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए प्रिजरवेटिव के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। डॉ. अंसारी बताते हैं कि इसका प्रयोग पेपर व प्लास्टिक इंडस्ट्री में किया जाता है। यह भी सेहत के लिए खतरनाक है।

 

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