भक्ति से अभय हो जाता है व्यक्ति : स्वामी रामभद्राचार्य
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने किया कथा का गुणगान। मोतीमहल लॉन में चल रही श्रीराम कथा का समापन।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। नमो राघवाय से गुंजायमान वातावरण में जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रीराम कथा के अंतिम दिन गुरुवार को श्रीराम कथा का गुणगान किया। मोतीमहल लॉन में चल रही श्रीराम कथा में जगद्गुरु ने कहा कि श्रीराम को पाने के लिए पहले अहंकार दूर करना होता है। जब तक अहंकार रहेगा तब तक श्रीराम की कृपा नहीं मिलने वाली। मेरे राम के लिए अहंकार सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि अहंकार दूर होने पर भक्ति आनी शुरू हो जाती है। जब भक्ति आती है तो व्यक्ति अभय हो जाता है। 'सोइ सर्बग्य गुनी सोइ ग्याता, सोइ महि मंडित पंडित दाता, धर्म परायन सोइ कुल त्रता, राम चरन जा कर मन राता' चौपाई के माध्यम से जगद्गुरु ने कहा कि जिसका मन श्री रामजी के चरणों में अनुरक्त है, वही सर्वज्ञ है, वही गुणी है, वही ज्ञानी है। जो छल छोड़कर श्री रघुवीर का भजन करता है, वही नीति में निपुण है, वही परम् बुद्धिमान है। उसी ने वेदों के सिद्धात को भली-भाति जाना है। 'श्रीराम' नाम सभी आपदाओं को हरने वाला, सभी संपदाओं को देने वाला दाता है, सारे संसार को विश्रम, शाति प्रदान करने वाला है। जैसे शरीर को भोजन आवश्यक है ठीक उसी प्रकार भगवान का भजन जरूरी है और यह माला जपने का अधिकार गुरुमंत्र लेने के बाद ही आती है। संयोजक हरिओम तिवारी ने बताया कि कथा में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सभापति राम चंद्र यादव, विधायक बाबा गोरखनाथ के साथ ही राम सजीवन मिश्र, राजेश तिवारी, देवेंद्र त्रिपाठी, महेश ओझा, उमेश मिश्र, अवधेश मिश्र व अनूप पाडेय समेत कई श्रद्धालु मौजूद थे। कथा सुनाते स्वामी रामभद्राचार्य जय घोष के साथ निकली कलश यात्रा
गाजे बाजे के साथ गुरुवार (24 मई)को श्रीमद् भागवत कथा से पहले कलश यात्रा निकाली गई। सुंदरबाग स्थित बॉयज एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज से निकली यात्रा लालकुआ चैराहा, रिसालदार पोस्ट आफिस होते हुए कथा स्थल पर समाप्त हुई। 151 महिलाओं के समूह के साथ निकली कलश यात्रा में आयोजन स्थल पर समाप्त हुई। देर शाम कथा व्यास मारुति नंदन शास्त्री ने श्रीमद्भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मातर के विकार नष्ट होकर प्राणि मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहा अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं। कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। संयोजक रोहित आनंद जायसवाल ने बताया कि कथा 30 मई तक शाम चार से आठ बजे तक कथा चलेगी। कथा में आलोक शुक्ला, निखिल श्रीवास्तव, अतुल मिश्र व संजय साहू सहित कई श्रद्धालु शामिल हुए।