अपने ही 'घर' में बगावत झेल रहे स्वामी प्रसाद
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता और नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य अपने ही गृह जनपद
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता और नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य अपने ही गृह जनपद प्रतापगढ़ में कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए हैं। लोकसभा प्रत्याशी बदलने के मामले में कार्यकर्ताओं के एक गुट ने मौर्य के खिलाफ बगावती तेवर इस कदर तीखे हो गए हैं कि मंगलवार को जिला कार्यालय में बैठक करबसपा सुप्रीमो से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग तक कर डाली।
स्वामी प्रसाद मौर्य प्रतापगढ़ के बाघराय क्षेत्र के रहने वाले हैं। बसपा सरकार में कई विभागों के मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे मौर्य की पार्टी में खास अहमियत है। लेकिन इन दिनों उन पर 'घर' में ही दूसरे सियासी दलों के साथ मिलकर बसपा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लग रहा है।
बसपा से पहले घोषित लोकसभा प्रत्याशी डा. आरके वर्मा का टिकट काटकर मुज्तबा सिद्दीकी को देने के फैसले पर पार्टी की स्थानीय इकाई में में भूचाल आ गया है। इसको लेकर पार्टी कार्यालय पर जमकर हंगामा भी हुआ। नाराज कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ही यह सब कराया है। वह कांग्रेस के नेताओं से मिले हुए हैं। अपने भतीजे प्रमोद मौर्य को जिला पंचायत अध्यक्ष को बनवाने में कांग्रेस से मिले सहयोग के एवज में वह टिकट में खेल कर रहे हैं। इसका प्रमाण कार्यकर्ताओं ने मनगढ़ में कृपालु जी की तेरहवीं के मौके पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य की वार्ता की पेपर कटिंग लहराकर दिया। कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस कदर रहा कि उन्होंने मौर्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग तक कर डाली। नाराज कार्यकर्ताओं ने अपने आरोप और मांग का ज्ञापन पार्टी सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भेजा है।
नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि बसपा में बहन जी से बड़ा कोई नेता नहीं है। टिकट देना और परिवर्तन करना उनका अधिकार है। उनके निर्णय के खिलाफ विरोध जताने वाले पार्टी के वफादार नहीं है। मेरा इस मामले से कोई सरोकार नहीं है।
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